अमित सूद। जोगिंद्रनगर
8 अगस्त से अपने घर से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हई गड़ूही गांव की विवाहिता ज्योति का शव ठीक 30 दिनों बाद मंगलवार देर शाम अपनी ही गृह पंचायत भराड़ू के तहत पड़ते मकोड़ा के जंगल से बरामद हुआ है।
गल-सड़ चुका शव एक पेड़ से लटका हुआ पाया गया जिसकी पहचान नहीं की जा सकती, लेकिन मृतका की सास ने पैरों में पहनी हुई वी-शेप चप्पल से पहचान करके पुष्टि की और कहा कि यह चप्पल उनकी बहू की है।
मकोड़ा के जंगल में शव बरामदगी की पुष्टि डीएसपी लोकेंद्र नेगी व जोगिंद्रनगर के थाना अध्यक्ष प्रीतम सिंह जरियाल ने भी की है। डीएसपी लोकेंद्र नेगी अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और फ़ॉरेंसिक विशेषज्ञों की टीम ने भी मौका पर आकर साक्ष्य जुटाए हैं। मकोड़ा के जंगल की दूरी घर से करीब डेढ़ घंटा पैदल की बताई जा रही है। खपरोटू व पांडो के मध्य यह स्थल बताया जा रहा है।
गौरतलब है कि गड़ूही गांव की विवाहिता ज्योति 8 अगस्त को अपने पति से आपसी कहासुनी के बाद घर से लापता हो गई थी जिसकी कोई जानकारी किसी को नहीं मिल पाई।
हालांकि किसान सभा के नेता कुशाल भारद्वाज की रहनुमाई में मायका पक्ष ने शहर में प्रदर्शन भी किया था। पूरे एक महीने के बाद ज्योति का शव मिला है।
शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने स्थानीय अस्पताल के शवगृह में रखा जहां से पुलिस अधिकारी एएसआई अर्जुन सिंह राणा व महिला पुलिसकर्मी दीपा व ज्योति के पिता सहित शव को जांच के लिय नेरचौक ले जाया गया है।
अर्जुन सिंह राणा ने बताया कि शव की जांच फ़ॉरेंसिक लैब में होने के बाद वहीं पर शव को परिजनों को सौंप दिया जाएगा। वहीं एसएचओ प्रीतम जरियाल ने बताया कि मृतक ज्योति के पति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।