हिमाचल दस्तक। जोगिंद्रनगर
लडभड़ोल तहसील के सिमस गांव में एक अनोखा मंदिर है। मान्यता है कि इस देवी के मंदिर में निसंतान महिलाओं के फर्श पर सोने से संतान की प्राप्ति होती है। इस मंदिर को संतान दात्री मंदिर भी कहते हैं।
सिमसा माता मंदिर के पास एक विशाल पत्थर बहुत प्रसिद्ध है। ये पत्थर दोनों हाथों से भी नहीं हिलाता है, लेकिन आप अपने हाथ की सबसे छोटी अंगुली से इस पत्थर को हिलाओगे तो यह हिल जाएगा।
संतान दात्री माता सिमसा मंदिर में 7 अक्तूबर से शुरू हो रहे शरद नवरात्रों के लिए मंदिर कमेटी ने पूरी तैयारी कर ली है। शारदा माता मंदिर कमेटी के प्रधान विनोद राय ने कहा कि मंदिर कमेटी ने एक बैठक की, जिसमें शारदा माता कमेटी ने प्रशासन के साथ चलकर यह निर्णय लिया है कि महिलाओं को धरने पर बैठने की बिलकुल भी इजाजत नहीं दी गई है।
उन्होंने कहा कि मंदिर में लंगर की व्यवस्था भी नहीं की जाएगी। कोरोना महामारी को मद्देनजर रखते हुए उन्होंने बीमार व्यक्तियों तथा बुखार व जुकाम के लक्षण होने पर मंदिर आने से परहेज करने के लिए कहा है।
उन्होंने जनता से अपील की कि दर्शनों के लिए एक-एक करके माता सिमसा के दर्शन करें साथ ही मास्क और सेनिटाइजर का इस्तेमाल जरूर करें।