शैलेश सैनी। नाहन
जिला कांग्रेस कमेटी ने नाहन के भाजपा विधायक डॉ. राजीव बिंदल के पत्थरों वाले बयान पर पलटवार कर करारा जवाब दिया है। कांग्रेस पदाधिकारियों का कहना है कि पत्थर लगाने की राजनीति करने में कांग्रेस नहीं बल्कि डॉ. बिंदल का कोई सानी नहीं है।
शुक्रवार को नाहन में जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कंवर अजय बहादुर सिंह ने डॉ. बिंदल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि गप्पे हांकने में डॉ. बिंदल का कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने कहा कि पत्थर लगवाने की राजनीति करने की महारत डॉ. बिंदल को ही हासिल है। जितने पत्थर उन्होंने लगवाए हैं, उतने तो कांग्रेस ने भी नहीं लगवाए हैं।
अजय बहादुर सिंह ने कहा कि जो सड़कें पूर्व कांग्रेस सरकार के समय में बनी है, वह उन पर पत्थर लगाकर उद्घाटन कर रहे हैं। पुरानी सड़कों पर यदि बजरी भी डालनी हो तो उसके लिए डॉ. बिंदल पहले पत्थर लगवाते हैं। कई ऐसी पुरानी सड़कें हैं जो तंग थी, उन्हें चौड़ा करवाने के लिए बिंदल ने पहले अपने नाम के पत्थर लगवाएं हैं।
कंवर अजय बहादुर सिंह ने कहा कि डॉ. बिंदल सिरमौर जिले में सभी पुलों को भाजपा की देन बता रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि यह सभी पुल कांग्रेस के कार्यकाल में बने हैं। इसके अलावा कुछ पुल नाबार्ड के सहयोग से बने हैं वे केवल उनका उद्घाटन कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है केवल तीन पुल हैं जो प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बने हैं।
जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि डॉ. बिंदल ने सेना-सिविलियन विवाद पर डबल इंजन वाली सरकार का हवाला देकर लोगों को ठगा है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय में डॉ. बिंदल ने डबल इंजन की सरकार बनने पर विवाद को सुलझाने का आश्वासन दिया। सरकार बनने के बाद डॉ. बिंदल ने इस मामले पर लोगों को घुमाया और केवल फोटो खिचवाए। धरातल पर कुछ भी नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि जमटा कत्याड़ सड़क, जमटा नौणी सड़क जिन पर डॉ. बिंदल ने पत्थर लगवाया है, इन सभी सड़कें कांग्रेस की देन है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के प्रयासों और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्राथमिकता से इन सड़कों के लिए प्रयास किए हैं।
बहरहाल प्रदेश की भाजपा सरकार में हाशिए पर चल रहे डॉ. बिंदल भले ही अपने विधानसभा क्षेत्र में पूरी तरह से सक्रिय हों मगर जिला सिरमौर कांग्रेस के फील्ड मार्शल माने जाने वाले पूर्व विधायक कंवर अजय बहादुर भी अब अपने दलबल के साथ सक्रिय हैं। लिहाजा इंट का जवाब पत्थर से कैसे दिया जाना है, इसको लेकर यह सबक भी अब कांग्रेस सीख चुकी है।