दिनेश कुमार। करसोग
करसोग उपमंडल के सेब वाले क्षेत्रों में हुई ओलावृष्टि से कृषि और बागवानी को भारी नुकसान हुआ है। यहां बुधवार को दोपहर बाद अचानक मौसम का मिजाज बिगड़ा और ओलावृष्टि शुरू हो गई।
इस दौरान करीब 20 मिनट हुई ओलावृष्टि से गेहूं सहित स्टोन फ्रूट और सेब को भारी नुकसान हुआ है। उपमंडल की मैहरन, कांडी सपनोट, खील, माहूंनाग, चुराग, बगशाड़ आदि पंचायतों के कई क्षेत्रों में लगातार हुई ओलावृष्टि से स्टोन फ्रूट खुरमानी, प्लम, आड़ू, बादाम, नाशपाती सहित सेब की फसल को 50 फ़ीसदी से अधिक का नुकसान हुआ है।
तेज हुई ओलावृष्टि से पेड़ों से फल सहित पत्तियां जमीन पर बिखर गईं। यही नहीं पेड़ों पर टिके फल ओलावृष्टि से जख्मी हो गए हैं। जिसकी बागवानों को बाजार में आधी क़ीमत भी नहीं मिलेगी। उधर मौसम विभाग ने आज भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान प्रदेश ने निचले और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ओलावृष्टि और तेज हवाएं चलने की चेतावनी दी है।
प्रदेश में अभी 16 मई तक मौसम खराब रहेगा। बागवानी विभाग ने ओलावृष्टि की सूचना के बाद फील्ड अधिकारियों को दो दिनों में रिपोर्ट भेजने के आदेश जारी कर दिए हैं।
विकास खंड करसोग के बागवानी विभाग के विषय वार्ता विशेषज्ञ (एसएमएस) नरेश शर्मा ने बताया कि बहुत सी पंचायतों में ओलावृष्टि हुई है। इस बारे में फील्ड अधिकारियों को नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं। यहां से रिपोर्ट प्राप्त होते ही इसे सरकार को भेजा जाएगा।