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एसडीएम ने लिया कड़ा संज्ञान, ब्लॉक एलिमेंट्री एजुकेशन ऑफिसर से 2 दिन में मांगी रिपोर्ट
दिनेश कुमार। करसोग
प्रदेश सरकार भले ही सरकारी सेक्टर में मज़बूत शिक्षा ढांचे होने का दावा करती हो, लेकिन हकीकत की तस्वीर कहीं-कहीं धुंधली है। इसका बड़ा उदाहरण मुख्यमंत्री के पड़ोसी विधानसभा करसोग क्षेत्र में देखने को मिला है, जहां पर शिक्षा विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली से 50 नौनिहाल स्कूल भवन न होने से खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
करसोग मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला सरकोल का पुराना भवन जर्जर हालत में होने की वजह से असुरक्षित घोषित कर वर्ष 2019 में गिरा दिया गया था।
इसके बाद शिक्षा विभाग ने फरवरी, 2020 में नए भवन की नींव रखी, लेकिन 2 साल बीतने को हो रहे हैं, अभी तक बच्चों को शिक्षा मंदिर में चारदीवारी तक नसीब नहीं हुई है। भवन के नाम पर 2 साल में अभी तक सिर्फ लेंटल ही पड़ा है।
एसडीएम करसोग सन्नी शर्मा ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए ब्लॉक एलिमेंट्री एजुकेशन ऑफिसर को छानबीन करने के निर्देश जारी कर 2 दिनों में रिपोर्ट मांगी है।
राजकीय प्राथमिक पाठशाला सरकोल के एसएमसी प्रधान हरिमन का कहना है कि 2 साल से स्कूल का भवन अधूरा पड़ा है। बच्चे धूप और ठंड में बाहर बैठकर खुले में पढ़ाई करने को मजबूर है। उन्होंने सरकार से स्कूल भवन का कार्य जल्द पूरा करने की मांग की है, ताकि बच्चों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।