नई दिल्ली : हिंदू पक्ष के वकीलों ने शनिवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा 2.77 एकड़ विवादित भूमि राम लला को देने के फैसले से उसमें एक बार फिर से विश्वास की पुष्टि हुई है जबकि मुस्लिम अधिवक्ताओं ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि फैसले में कई विरोधाभास थे।
उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को सर्वसम्मति के फैसले में अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करते हुए केन्द्र को निर्देश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए किसी वैकल्पिक लेकिन प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ का भूखंड आवंटित किया जाए। मालिकाना हक के लिए रामलला विराजमान की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस नरसिम्हा ने कहा कि वो उनके धर्म और आस्था पर भरोसा जताने के लिए न्यायालय के शुक्रगुजार हैं जबकि उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के जफरयाब जिलानी ने फैसले को लेकर असंतोष जाहिर किया।
नरसिम्हा ने कहा, उच्चतम न्यायालय के फैसले से हिंदुओं की आस्था फिर से पुष्ट हुई है। हमारी आस्था मस्जिद से पहले से थी। हमारी आस्था मस्जिद रहने के दौरान भी थी और हिंदुओं द्वारा लगातार पूजा की जाती थी। उन्होंने कहा, ऐतिहासिक मान्यता को फिर से स्थापित करने को यह असाधारण कदम उठाने के लिए हम न्यायपालिका के शुक्रगुजार हैं।
हमारे धर्म और मान्यता के प्रति सम्मान जताने के लिए हम अदालत के ऐहसानमंद हैं। जिलानी ने कहा कि फैसले में काफी विरोधाभास थे और हम इसकी समीक्षा के लिए याचिका दायर करेंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता जिलानी ने कहा, अयोध्या के फैसले का हमारे लिए कोई मूल्य नहीं है। हम इस फैसले से असंतुष्ट हैं। इसमें काफी विरोधाभास हैं। हम इसकी समीक्षा चाहेंगे।
रामलला की तरफ से ही पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह लोगों की जीत हैं। उन्होंने कहा, यह बेहद संतुलित फैसला है और यह भारत के लोगों की जीत है। निर्माेही अखाड़े ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा यह कहने पर उसे कोई दुख नहीं है कि वह राम लला के अनुयाई या उपासक नहीं है।
निर्माेही अखाड़े के महंत रामदास ने कहा, विवादित स्थल पर अखाड़े का दावा खारिज होने का कोई अफसोस नहीं है, क्योंकि वह भी रामलला का ही पक्ष ले रहा था। अदालत ने रामलला का पक्ष लिया है और इससे हमारा मकसद पूरा हुआ। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा, जब भगवान राम चाहते थे, तभी मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए हरी झंडी दिखाई जा रही है। जय श्री राम।