हिमाचल दस्तक ब्यूरो। बिलासपुर
एक ओर जहां जून माह की चिलचिलाती गर्मी से लोग परेशान हैं तो वहीं देवभूमि हिमाचल प्रदेश में मौसम लगातार अपना मिज़ाज बदल रहा है। इसका असर बिलासपुर में भी देखने को मिल रहा है।
यहां मौसम के बदलते मिज़ाज ने किसानों और बागवानों की चिंता को बढ़ा दिया है। बिलासपुर में पिछले कुछ दिनों से तूफान व बारिश का दौर चल रहा है जिसका सीधा असर अब आम की पैदावार पर पड़ने लगा है।
आपको बता दें कि बिलासपुर जिला में 8 हजार हेक्टेयर भूमि पर फलों की पैदावार होती है जिसमें सबसे अधिक 4 हजार हेक्टेयर जमीन पर आम तो अन्य 4 हजार हेक्टेयर जमीन पर लीची, अमरूद, नीबू व संतरे की पैदावार की जाती है।
इस बार आम के पेड़ों पर अच्छा बौर पड़ने के चलते आम की ज्यादा पैदावार होने की उम्मीद उत्पादकों को है, मगर जिला में रुक-रुक कर हो रही बारिश व तेज आंधी का सीधा असर आम की पैदावार पर देखने को मिल रहा है जिसके चलते अभी तक 200 हेक्टेयर तक आम की फसल बर्बाद हो चुकी है जबकि लीची व अमरूद जैसे अन्य फलों की पैदावार पर भी इसका कुछ असर पड़ा है।
आपको बता दें कि बीते साल भी आंधी-तूफान से आम की काफी फसल बर्बाद हुई थी जिससे आम उत्पादकों को काफी नुकसान झेलना पड़ा था।
वहीं उद्यान विभाग बिलासपुर की उपनिदेशक डॉक्टर माला शर्मा का कहना है कि बिलासपुर में मौसम के बदलते मिज़ाज ने गर्मी से तो राहत दी है, मगर तेज तूफान व आंधी से आम की फसल बर्बाद हो रही है।
साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले समय में आंधी-तूफान के चलते अगर आम उत्पादकों की ज्यादा फसल बर्बाद होती है तो निदेशालय की ओर से उन्हें राहत देने के लिए जारी किए गए फंड से आर्थिक मदद करने का भी काम किया जाएगा।