मस्तराम डलैल: शिमला
प्रदेश के विधायकों को अब सैर-सपाटे के दौरान मनपसंद होटलों में ठहरने की सुविधा मिलेगी। विधायकों के टूअर पैकेज में अब उनके लिए पसंद के होटल में ठहरने के लिए पैसों की कोई सीमा नहीं होगी। इससे पहले प्रति रूम साढ़े सात हजार रुपये की राशि निर्धारित की गई थी। सोमवार को कैबिनेट की बैठक में पारित आदेशों में अब एक्चुअल बिल के आधार पर मनपसंद होटल और रूम की छूट रहेगी। इस फैसले के बाद अब विधायक फाइव स्टार तक के होटलों में रह सकते हैं।
इससे पहले जयराम सरकार ने विधायकों की यह राशि अढ़ाई लाख से बढ़ाकर चार लाख सालाना की थी। हालांकि पहले प्रति रूम 7500 रुपये निर्धारित किया था। अब इस शर्त को समाप्त कर दिया गया है और मनपसंद रूम की छूट दे दी गई है। इसके लिए रूम रेंट बाधा नहीं बनेगा। एक्चुअल बिल के आधार पर सरकार विधायकों को टूअर का भुगतान करेगी। खास है कि इस सुविधा के तहत कोई भी विधायक अपने पूरे पांच साल के टेन्योर में 20 लाख तक की राशि खर्च कर सकता है। इसी सुविधा के तहत पूर्व विधायकों पर भी यह छूट लागू होगी। पूर्व विधायकों को होटल के बिल प्रस्तुत करने पर सालाना दो लाख की राशि का प्रावधान है। पूर्व विधायकों को यह सुविधा आजीवन जारी रहेगी।
शिमला में मुफ्त प्लॉट चाहते हैं एमएलए
दोनों पक्षों के विधायकों ने शिमला के तारादेवी में आवासीय कॉलोनी के लिए सरकारी जमीन की मांग की है। एचआरटीसी के कब्जे वाली इस जमीन पर रेवेन्यू रिकॉर्ड में राष्ट्रपति की एंट्री है। करीब 30 बीघा राष्ट्रपति के इस भूखंड को एमएलए सोसाइटी के लिए एक रुपये की लीज पर लेने का सरकार को प्रस्ताव भेजा है। इसके लिए कई दौर की बैठकें भी हो चुकी हैं। कांग्रेस-भाजपा के विधायक इस भूखंड पर अपने आशियाने बनाना चाहते हैं।
विधायकों की सुख-सुविधाओं पर एक और बैठक
विधायकों की सुख सुविधाओं पर सोमवार को एमिनिटी कमेटी की मीटिंग का प्रस्ताव था। हालांकि सोमवार को सदन की कार्यवाही शाम सात बजे तक चलने के कारण यह बैठक मंगलवार को हो सकती है। इस बैठक में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों दलों के एमिनिटी सदस्य विधायक शामिल रहेंगे। पुख्ता सूचना के अनुसार इस बैठक के लिए भी विधायकों ने अपनी आधा दर्जन और सुख-सुविधाओं का मांगपत्र सौंपा है।
यूक्रेन में अब एक भी हिमाचली नहीं
शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि यूके्रन में फंसे बच्चों को वापस सुरक्षित लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे थे और ये प्रयास फलीभूत हुए हैं। उन्होंने कहा कि वहां पर प्रदेश के जितने भी बच्चे या दूसरे लोग फंसे थे, वो सभी सुरक्षित वापस आ गए हैं। भारतीयों को ऑपरेशन गंगा के तहत लाया गया है, जिसमें हिमाचल के भी सभी लोग आ गए हैं। अब कोई भी हिमाचली वहां पर नहीं है। प्रधानमंत्री व केंद्र सरकार के प्रयासों से हम सभी को सुरक्षित लाने में सफल हुए हैं।