चंद्र ठाकुर। नाहन
सिरमौर जिले के हाटी क्षेत्र के लोक कलाकार राजस्थान के जोधपुर में आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय लोकानुरंजन मेला में जिला सिरमौर के पारंपरिक लोकगीतों व लोक नृत्यों का प्रदर्शन कर रहे हैं।
लोकानुरंजन मेले का आयोजन राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर द्वारा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र पटियाला, पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर, हरियाणा कला परिषद चंडीगढ़ की संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। लोकानुरंजन मेला का शुभारंभ राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष रमेश बोराणा द्वारा किया गया। जोधपुर के टाउन हॉल में आयोजित किए जा रहे लोकनृत्य के इस महाकुंभ में 9 राज्यों के 30 से ज्यादा पारंपरिक लोक नृत्यों का प्रदर्शन किया जा रहा है।
संस्था के वरिष्ठ गुरु राष्ट्रपति से सम्मानित विद्यानंद सरैक व निदेशक जोगेंद्र हाब्बी ने बताया कि जिला सिरमौर के आसरा संस्था के कलाकारों द्वारा लोक नृत्य में पारंपरिक अंदाज में देव आराधना, रिहाल्टी गी, मुंजरा व परात, स्वांगटी गी आदि लोक नृत्यों का प्रदर्शन किया गया। मुख्य अतिथि व अनेकों राज्यों से आए लोक कलाकारों व जोधपुर के कला रसिकों ने आसरा के लोक कलाकारों की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
हिमाचल की सिरमौरी नाटी के अलावा हरियाणा का घूमर नृत्य व शिव स्तुति, गोवा का समयी देखनी नृत्य, कश्मीर का रुफ नृत्य, उत्तराखंड का छपेली नृत्य, गुजरात का राठवा और गरबा नृत्य, महाराष्ट्र का लावणी नृत्य, पंजाब का भांगड़ा नृत्य के साथ-साथ राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों से चकरी नृत्य, शायरियां नृत्य, बम्ब नृत्य, गैर नृत्य, डफ नृत्य, बहरूपिया, सामूहिक शहनाई वादन, ढोल बंकिया, कठपुतली एवं कच्ची घोड़ी नृत्य इत्यादि अनेकों लोक विधाओं का प्रदर्शन किया जा रहा है।
सिरमौर के हाटी लोक कलाकारों में लोक नर्तक जोगेंद्र, चमन, अमीचंद, मनमोहन, सरोज, भानुप्रिया, शिवानी, व लक्ष्मी की नृत्य अदाओं ने लोकानुरंजन मेले में सभी दर्शकों का मन मोह लिया। लोक गायक रामलाल वर्मा व गोपाल हाब्बी और महिला गायक सुनपति की लोक गायकी और मधुर स्वरों ने दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी। संदीप की ढोलक की थाप और मुकेश की करनाल की धुन व बांसुरी पर कृष्ण लाल की स्वर लहरियों ने टाउन हॉल में बैठे दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।