नई दिल्ली:
सीबीआई ने देहरादून में गैरिसन इंजीनियर के कार्यालय से एक सहायक गैरिसन इंजीनियर (एजीई) और एक जूनियर इंजीनियर (जेई) को बिलों को मंजूरी देने के एवज में एक ठेकेदार से 40,000 रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि एजीई के. के. सिंघल और जेई जहांगीर अहमद को जांच एजेंसी ने एक ठेकेदार के बिलों को मंजूरी देने के लिए कथित रूप से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि दोनों 20-20 हजार रुपए की रिश्वत ले रहे थे। अधिकारियों के अनुसार आरोपी व्यक्तियों के घरों की तलाशी ली जारी है। उन्होंने बताया कि शिकायत में बताया गया है कि रुद्राक्ष एंटरप्राइजेज को 2018-19 में 8.75 लाख रुपए और 12.29 लाख रुपए के दो ठेके मिले थे। उन्होंने बताया कि ठेकेदार ने आरोप लगाया कि 85 प्रतिशत काम पूरा होने के बाद मार्च 2019 में उसे 3.49 लाख रुपए का भुगतान किया गया। ठेकेदार ने आरोप लगाया कि शेष 15 प्रतिशत काम को शुरू करने के लिए सिंघल पूरी साइट उपलब्ध नहीं करा रहा था।
अधिकारी ने बताया कि यह भी आरोप लगाया गया कि बार-बार अनुरोध करने के बावजूद अहमद उनकी माप पुस्तक को पूरा नहीं कर रहा था और सिंघल ठेकेदार की भुगतान राशि भी जारी नहीं कर रहा था। उन्होंने कहा कि दोनों ने बकाया भुगतान जारी करने के लिए 20 जनवरी को उससे 20-20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। उन्होंने बताया कि जब वे कथित तौर पर रिश्वत ले रहे थे तभी जांच एजेंसी ने उन्हें पकड़ लिया।