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बरसात में छतों से पानी टपकने के कारण टेबल पर बाल्टी और डिब्बा लेकर बैठते हैं कर्मचारी
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। नाहन
जिला सिरमौर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों पर जान का संकट खड़ा हो गया है। करीब 80 से अधिक सीएमओ ऑफिस के कर्मचारियों को अनसेफ डिक्लेयर बिल्डिंग में अपनी सेवाएं देने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
बता दें कि 28 नवंबर, 2017 को एसडीएम नाहन की अध्यक्षता में बनी ज्वाइंट कमेटी द्वारा बिल्डिंग का निरीक्षण किया गया था। बिल्डिंग की जर्जर हालत को देखते हुए कमेटी द्वारा इसे अनसेफ डिक्लेयर कर दिया गया था।
करीब 4 साल गुजर जाने के बाद भी अभी तक इस अनसेफ सीएमओ ऑफिस में लगातार सेवाएं दी जा रही हैं। बता दें कि यह सीएमओ ऑफिस स्टेट टाइम की बिल्डिंग, जिसमें कभी महिला हॉस्पिटल हुआ करता था। इस बिल्डिंग की मौजूदा हालत बहुत ही ज्यादा जर्जर और खस्ताहाल है।
छत पर लगी कड़ियां दीमक लग जाने के कारण बुरी तरह सड़ चुकी हैं। बरसात में कर्मचारियों को टेबल पर बाल्टी या डिब्बा लगाकर बैठना पड़ता है। छतों से पानी टपकता है।
कर्मचारियों ने इस बाबत बताया कि कई बार तो दीवारों और छत से प्लास्टर आदि भी टूट कर गिर चुके हैं। अब आप यह भी जानकर हैरान हो जाएंगे की जिला सिरमौर सहित सोलन, शिमला से किन्नौर तक सहायक ड्रग कंट्रोलर का ऑफिस भी इसी बिल्डिंग में चल रहा है।
इसके साथ साथ इस बिल्डिंग में पूरे जिला के अस्पतालों, पीएचसी और सीएचसी के लिए भेजे जाने वाली दवाओं का स्टोर भी यही है। स्टोर में जगह पर्याप्त न होने के कारण दवाओं का भंडारण खुले में करना पड़ रहा है।
अब यह तो बात रही 80 कर्मचारियों की। इसके साथ साथ प्रतिदिन जिला के मेडिकल संस्थानों से दवा लेने के लिए और ऑफिशियल कार्य के लिए 20 से 50 लोग रोज कार्यालय आते हैं। इस प्रकार इस भवन में करीब 140 से 150 के लगभग लोग हर वक्त मौजूद रहते हैं।
गौरतलब है कि इस बार बरसातों ने जमकर तांडव मचाया। जमकर हुई बरसात के बाद अब इस भवन की हालत अब गिरी और तब गिरी वाली हो चुकी है।
ऐसे में यदि सही समय पर सरकार व प्रशासन ने ध्यान न दिया तो बाद में केवल हाथ मलने ही शेष रह जाएंगे। एक बड़ी दुर्घटना को न्यौता दे रही यह बिल्डिंग कभी भी गिर सकती है।
बिल्डिंग की हालत खराब, नहीं मिल रही अस्थायी अकोमोडेशन: कार्यकारी सीएमओ डॉक्टर संजीव सहगल
कार्यकारी सीएमओ डॉ. संजीव सहगल का कहना है कि उन्होंने हाल ही में ज्वाइन किया है। बिल्डिंग की हालत खराब है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 को इस भवन को ज्वाइंट कमेटी द्वारा अनसेफ घोषित किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी समस्या सीएमओ ऑफिस को खाली करने की है। सीएमओ का कहना है कि अभी उन्हें शहर में कहीं भी इतनी बड़ी अस्थायी अकोमोडेशन नहीं मिल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि इस बिल्डिंग की हालत के बारे में प्रशासन व सरकार को फिर से अवगत करवाया जाएगा।