ज्योति लाल बग्गा। ऊना:
विकास खंड ऊना में मनरेगा, 14वें वित्तायोग तथा अन्य संसाधनों से पंचायतों में करोड़ों रुपए के विकास कार्य करवा जा रहे हैं। वर्ष 2019-20 में विकास खंड ऊना के तहत 634 कार्य किए जा रहे हैं।
इनमें से 237 कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं। वित्त वर्ष 2018-19 में मनरेगा के तहत 7.38 करोड़ रुपए खर्च किए गए, जबकि 2019-20 में अब तक 4.58 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इसके अलावा कनवर्जेंस के माध्यम से 2.62 करोड़ के 78 काम आरंभ किए गए थे, जिनमें से 18 पूरा कर लिए गए हैं। यह जानकारी बीडीओ ऊना यशपाल सिंह ने दी।
बीडीओ ऊना यशपाल सिंह ने कहा कि ब्लॉक में मनरेगा के तहत खेल मैदान, रास्ते, चैक डैम तथा तालाब आदि का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2016-17 में 85 परिवारों के घर बनाकर तैयार किए गए, जबकि वर्ष 2017-18 में 22 मकान बनाने को आर्थिक सहायता प्रदेश सरकार की ओर से प्रदान की गई। इनमें से 8 का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। वर्ष 2019-20 में 8 भूमिहीनों को मकान स्वीकृत किए गए हैं।
इसके अलावा मुख्यमंत्री आवास योजना में पिछले चार वित्त वर्षों में 72 मकान बनाने को आर्थिक सहायता प्रदान की गई और इस वित्त वर्ष में स्वीकृत 5 परिवारों को मकान बनाने के लिए पहली किश्त प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इन दोनों योजनाओं में आर्थिक सहायता पहले 1.30 लाख रुपए प्रदान की जाती थी, जो अब बढ़ाकर 1.50 लाख रुपए कर दी गई है। इसके अलावा मुख्यमंत्री आवास योजना में मुरम्मत के लिए भी 38 परिवारों को सहायता प्रदान की गई है।
बीडीओ ने कहा कि 14वें वित्तायोग में ऊना ब्लॉक को 16.82 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे, इसमें से 11.69 करोड़ रुपए खर्च किए। कुल राशि का अब तक 69.5 प्रतिशत पैसा विकास कार्यों पर खर्च कर दिया गया है। साथ ही प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के 169 मजदूरों का पंजीकरण किया गया है। इस योजना के तहत 60 वर्ष की आयु पूरा करने पर 2000 रुपए प्रतिमाह पेंशन प्रदान करने का प्रावधान है।
मनरेगा के कार्य दिवस 100 से बढ़ाकर 120 किए
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्य दिवसों की संख्या को 100 से बढ़ाकर 120 दिन किया गया है। पिछले दो वर्षों में इस योजना के माध्यम से 1275.74 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इस दौरान 444.56 लाख कार्य दिवस सृजित किए गए तथा 9.74 लाख परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया। इस योजना के माध्यम से न सिर्फ गांवों में आधुनिक सुविधाएं मिल रही हैं, जबकि गरीब लोगों को रोजगार भी प्राप्त हो रहा है।