एचआरटीसी खुद चलाना चाह रही बसें, केंद्र कह रहा-ऑपरेटर हम देंगे,मुख्य सचिव की बैठक में फैसला फेम टू का मॉडल बदले केंद्र सरकार, अब 21 नवंबर को होने वाली बैठक में होगा इन बसों को लेकर फैसला
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : राज्य के लिए भारत सरकार से फेम टू स्कीम में मंजूर हुई १०० इलेक्ट्रिक बसों के मामले में नया पेच फंस गया है। केंद्र सरकार ने इन बसों को ओपैक्स मॉडल में देना चाहता है। इसमें बसों पर मिलने वाली ग्रांट सीधे ऑपरेटर को जाएगी और ऑपरेटर केंद्र सरकार की ओर से चयनित होगा।
जबकि राज्य सरकार इन बसों को केवल कैपेक्स मॉडल में ही लेना चाहती है, जैसा कि फेम वन में हुआ था। राज्य सरकार का तर्क है कि यहां एचआरटीसी के पास इन बसों को मैनेज और हैंडल करने का अनुभव है और हमारे पास इतने संसाधन एवं डिपो नहीं हैं, जो किसी अन्य ऑपरेटर के साथ इन बसों के कारण शेयर किए जा सकें। इस बारे में मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी की अध्यक्षता मेें एक बैठक हुई थी, जिसमें प्रधान सचिव परिवहन जेसी शर्मा एवं अन्य वरिष्ठ अफसर भी थे।
इसमें तय हुआ है कि केंद्र सरकार को बताया जाए कि हिमाचल के कैपेक्स मॉडल में ही ये बसें चला सकता है। इसलिए केंद्र सरकार फेम टू का मॉडल बदले। इस पर अब 21 नवंबर को दिल्ली में होने वाली बैठक में फैसला होना है। इस कारण राज्य सरकार ने एचआरटीसी को इन बसों की खरीद का टेंडर जारी करने से फिलहाल रोक दिया है। पहले टेंडर की डेट 15 नवंबर थी, जिसे अब एक महीना और बढ़ाया गया है। ये बसें जैम पोर्टल से खरीदी जानी हैं।
राज्य सरकार गैप फंडिंग के लिए भी तैयार
इलेक्ट्रिक बसों के लिए राज्य सरकार गैप फंडिंग को भी तैयार है, बशर्ते केेंद्र सरकार मॉडल को बदले। फेम वन में केंद्र सरकार ने बसों की कीमत का 60 फीसदी राज्य सरकार को दे दिया था और खरीद एचआरटीसी ने की थी। लेकिन अब 40 फीसदी ऑपरेटर को देंगे बाकी किलोमीटर के हिसाब से 10 साल के लिए वेट लीज की तरह तय होगा। इसमें मैन्युफेक्चरर ऑपरेटर भी हो सकता है। चूंकि फेम टू में ओपेक्स मॉडल ही था, इसलिए शुरू में इसके तहत राज्य को अप्लाई करना पड़ा। लेकिन अब इसमें बदलाव की मांग की जा रही है।
इन दो कलस्टर में चलनी हैं ये 100 बसें
प्रदेश सरकार चाहती है कि शिमला, मनाली और धर्मशाला के बाद अब शेष हिमाचल में भी बिजली से चलने वाली बसें हों, ताकि सार्वजनिक परिवहन में पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो। इसलिए नई 100 इलेक्ट्रिक बसों के लिए शिमला कैपिटल, सोलन, नाहन और नालागढ़ तथा हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर और मंडी के दो कलस्टर बनाए गए हैं और दोनों में 50-50 गाडिय़ों को चलाया जाना प्रस्तावित है। इससे साथ ही इन क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशन का ढांचा भी खड़ा होगा और लोगों में इन वाहनों के लेकर भरोसा बढ़ेगा।