शिमला :हिमाचल भाजपा अध्यक्ष का फैसला 16 जनवरी को होगा। इस दिन नामांकन होगा और अगले दिन 17 जनवरी को नए अध्यक्ष की औपचारिक घोषणा होगी। इस चुनाव प्रक्रिया को पूरा करवाने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक बतौर पर्यवेक्षक शिमला आएंगे।
उनके साथ राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर भी होंगे। निशंक के साथ पार्टी के राष्ट्रीय सचिव 15 जनवरी को शिमला आ रहे हैं। वह पहले दिन प्रदेश के शीर्ष नेताओं के साथ चर्चा करेंगे और फिर हाईकमान का संदेश भी देंगे। प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव 19 जनवरी से पहले होना है। इस प्रक्रिया को पूरा करवाने के लिए भाजपा कार्यालय की व्यवस्था देखने वाले पदाधिकारियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। पार्टी की ओर से दिल्ली भेजे गए नामों में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जमवाल, प्रदेश प्रवक्ता रणधीर शर्मा, कृपाल सिंह परमार, राम सिंह और राजीव भारद्वाज में से किसे कमान मिलती है, इसके लिए घोषणा शेष है।
इस बारे में केंद्रीय नेताओं की एक टीम शिमला आई थी। प्रदेश की कोर कमेटी के साथ भी चर्चा हुई थी। मुरलीधर राव की अगुआई में आई इस टीम ने हाईकमान को अपनी रिपोर्ट दे दी है। गौरतलब है कि प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष खीमीराम शर्मा के कार्यकाल के बाद संगठनात्मक चुनाव होने थे, लेकिन 2012 में सतपाल सत्ती को प्रदेश अध्यक्ष चुना गया। उस साल से लेकर सत्ती प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं।
यानी कुल मिलाकर सत्ती की अध्यक्षता में 2012 का विधानसभा चुनाव, 2014 का लोकसभा चुनाव, 2017 का विधानसभा चुनाव और अब 2019 का लोकसभा चुनाव हुए। अब तक जयकिशन शर्मा, शांता कुमार, नगीन चंद्र पाल, गंगा सिंह ठाकुर, सुरेश चंदेल, महेश्वर सिंह, प्रेम कुमार धूमल, सुरेश भारद्वाज, जयराम ठाकुर, खीमीराम शर्मा और सतपाल सत्ती प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहे हैं।
दिल्ली में 20 को मिल सकती है जेपी नड्डा को कमान
भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा को 20 जनवरी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इस बारे में हिमाचल भाजपा में तैयारियां जोर से चल रही हैं। यही कारण है कि 17 को प्रदेश अध्यक्ष का एलान हो रहा है। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव के लिए हिमाचल से प्रदेश अध्यक्ष सहित चार प्रतिनिधियों का चयन होना है, जो राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के नेता को वोट डालेंगे। हालांकि वोटिंग होने की नौबत नहीं आएगी, लेकिन हर राज्यों से प्रतिनिधियों की मौजूदगी जरूरी है।