साहिल डढवाल। नूरपुर
पठानकोट-मंडी प्रस्तावित फोरलेन को लेकर फोरलेन संघर्ष समिति ने प्रदेश उच्च न्यायालय में प्रशासन के खिलाफ याचिका दायर की है। ये याचिका समिति के सदस्य रिटायर्ड मेजर ओंकार सिंह द्वारा दायर की गई है।
संघर्ष समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुदर्शन शर्मा ने बताया कि अधिग्रहण की जा रही भूमि का मूल्यांकन भू-अधिग्रहण कानून 2013 के आधार पर किया जाए। उन्होंने कहा कि अधिग्रहित की जा रही भूमि का एक ही कार्य के लिए 3 बार मूल्यांकन किया जा रहा है, जो निराधार है। याचिका के तहत भू-अधिग्रहण प्रक्रिया रोक लगाने की मांग की गई है।
सुदर्शन शर्मा ने बताया कि इस जनहित याचिका में सरकार और प्रशासन के 11 अधिकारियों को पार्टी बनाया गया है। सुदर्शन ने कहा कि फोरलेन संघर्ष समिति कुछ दिनों में पदाधिकारियों से मिल कर आगामी रणनीति बनाएगी ताकि आम जनमानस को उचित मुआवजा मिल सके।
उन्होंने कहा कि प्रशासन उन्हें उचित मुआवजा नहीं देता है तो सभी 3781 परिवार प्रशासन के विरोध में सड़कों पर उतरेंगे, धरना प्रदर्शन करेंगे और जरूरत पड़ी तो चक्का जाम भी करेंगे। 3781 परिवार प्रशासन की मुआवजा राशि के मूल्यांकन के निर्धारण पर 3 वर्षों से प्रयासरत हैं, लेकिन अब अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।