हिमाचल दस्तक। नूरपुर
पठानकोट-मंडी फोरलेन लोक बॉडी ने बुधवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात कर अपनी समस्याओं से अवगत करवाया। लोक बॉडी के अध्यक्ष राजेश्वर पठानिया के नेतृत्व में लोगों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि पठानकोट-मंडी फोरलेन परियोजना का भू अधिग्रहण अंतिम चरण में है।
ऐसे में लोगों को मिलने वाले मुआवजे का भी एलान कर दिया गया है, लेकिन सरकार और एनएचएआई ने मिलकर नूरपुर की जनता विशेषकर कंडवाल से सिवनी तक के लोगों को एक बड़ा झटका देते हुए उनकी एनएच के किनारे की व्यापारिक जमीनों के दाम कौड़ियों में लगाए हैं, जिससे लगभग 3781 प्रभावित लोग आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि सरकार ने एनएच किनारे की जमीन जिसका मौजूदा मूल्य 500000 रुपये प्रति मरले से कम नहीं है उसका मूल्य करीब 2 लाख रुपये प्रति कनाल लगाया है जो सरासर नाइंसाफी है।
लोक बॉडी के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री निवेदन करते हुए कहा कि वह स्वयं इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए इस परियोजना का भू-अधिग्रहण रोकें और प्रभावितों को मार्केट वैल्यू के आधार पर फैक्टर 2 के हिसाब से ब्याज सहित मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि अगर पठानकोट-मंडी फोरलेन परियोजना के प्रभावितों में से किसी ने प्रताड़ित होकर कोई गलत कदम उठाया तो इसकी सीधे तौर पर जिम्मेदारी सरकार की होगी।
राजेश्वर पठानिया ने बताया कि जब तक कि विस्थापितों को उचित मुआवजा नहीं मिल जाता, उनकी जमीनों के रेट का दोबारा मूल्यांकन किया जाए ताकि नूरपुर की जनता को न्याय मिल सके। वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लोक बॉडी के सदस्यों को आश्वासन दिया कि लोगों के साथ अन्याय नही किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति को भी मामले को देखने के निर्देश दिए।