सियोल : उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपने परमाणु और अन्तरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों पर लगी रोक हटाने का एलान किया है। इससे पहले उत्तर कोरिया अमेरिका के समस्त भूभाग तक मार करने में सक्षम मिसाइलों के परीक्षण तथा छह परमाणु परीक्षण कर चुका है।
ऐसे परीक्षणों पर खुद लगाया गया प्रतिबंध पिछले दो साल से उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच परमाणु कूटनीति का केंद्र था। किम ने हालांकि अब कहा है कि इस पाबंदी की कोई जरूरत नहीं है। विश्लेषकों का कहना है कि यह एलान ऐसा है जैसे किम ”डोनाल्ड ट्रम्प के सिर” पर मिसाइल रख रहे हैं लेकिन इस तरह के उकसावे पर प्योंगयांग को भी जवाब मिलेगा।
दोनों देशों के नेताओं के बीच फरवरी में हनोई शिखर वार्ता बेनतीजा रहने के बाद से वार्ता में गतिरोध बना हुआ है और उत्तर कोरिया ने प्रतिबंधों पर राहत की ताजा पेशकश देने के लिए अमेरिका को साल के अंत तक की समयसीमा दी थी। सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए ने किम के हवाले से कहा, ”हमारे लिए अब एकतरफा प्रतिबद्धता को निभाते रहने का कोई आधार नहीं है।”
किम ने सत्तारूड पार्टी के अधिकारियों से कहा, ”दुनिया एक नया सामरिक हथियार देखेगी जो निकट भविष्य में उत्तर कोरिया के पास होगा।” सत्तारूड वर्कर्स पार्टी की केंद्रीय समिति की पूर्ण बैठक और केसीएनए की रिपोर्ट तब सामने आई है जब किम को नव वर्ष के मौके पर भाषण देना है। यह भाषण उत्तर कोरिया के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसमें गुजरे वक्त की समीक्षा की जाती है और भविष्य के लिए नए लक्ष्य तय किए जाते हैं।
अपने दादा एवं उत्तर कोरिया के संस्थापक नेता किम द्वितीय सुंग द्वारा शुरू की गई इस परंपरा को बहाल करने के बाद यह किम का आठवां ऐसा भाषण होगा। यह परंपरा किम के पिता के शासनकाल में बंद कर दी गई थी। किम ने पार्टी के अधिकारियों को स्पष्ट किया कि उत्तर कोरिया अपनी परमाणु क्षमता की रक्षा करेगा भले ही इसके लिए उसे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना करना पड़े।
केसीएनए ने किम के हवाले से कहा, ”अमेरिका ऐसी मांगे कर रहा है जो हमारे देश के मौलिक हितों के विपरीत है और किसी लुटेरे की तरह व्यवहार कर रहा है।” उन्होंने कहा कि वांिशगटन ने दसियों बड़े और छोटे संयुक्त सैन्य अभ्यास किए जिसे रोकने का उसके राष्ट्रपति ने व्यक्तिगत रूप से वादा किया था और उसने दक्षिण कोरिया में उच्च तकनीक वाले सैन्य उपकरण भेजे तथा उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिबंध बढ़ा दिए।
उन्होंने कहा, ”हम कभी अपनी प्रतिष्ठा दांव पर नहीं लगा सकते। हमारे लोगों को हुई तकलीफ की भरपाई करने के लिए प्योंगयांग हैरतअंगेज कदम उठाएगा।” गौरतलब है कि उत्तर कोरिया कई महीनों से अपने परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को लेकर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों में ढील देने की मांग कर रहा है। वहीं, अमेरिका ने पहले ही संकेत दिए हैं कि अगर उत्तर कोरिया लंबी दूरी का मिसाइल परीक्षण करता है तो वह उसका जवाब देगा।