राजेश मंढोत्रा। शिमला
कोरोनाकाल में स्कूल फीस के मामले पर काफी दबाव झेलने वाली राज्य सरकार प्राइवेट स्कूलों पर शिकंजा कसने जा रही है। सोमवार 15 मार्च को होने जा रही कैबिनेट की बैठक में प्राइवेट स्कूलों की फीस को नियंत्रित करने के लिए नए कानून का ड्रॉफ्ट रखा जा रहा है। इसे शिक्षा और विधि विभाग ने मिलकर बनाया है।
कई राज्यों के कानूनों का अध्ययन करके ये ड्रॉफ्ट बना है। इससे पहले हिमाचल में इस तरह का कानून 1997 में प्राइवेट स्कूलों के लिए बनाया गया था, लेकिन इसमें न तो फीस नियंत्रण का कोई प्रावधान था, न ही पेनल्टी लगाने का। सूत्रों के अनुसार नए कानून में निजी स्कूलों पर पहली बार 2 लाख और दूसरी बार 5 लाख की पेनल्टी लगाने का प्रावधान हो सकता है।
नए कानून में फीस का ढांचा तय करने के लिए संबंधित जिला के डीसी की अध्यक्षता में कमेटी होगी। ये कमेटी आठ तरह के बिंदुओं के आधार पर फीस तय करेगी। इसमें एक शर्त ये भी होगी कि प्राइवेट स्कूल आरटीई के तहत इक्रोमिक वीकर सेक्शन यानी गरीब परिवारों के बच्चों को फ्री एजूकेशन दे रहा है या नहीं? क्या स्कूल को कोई सरकारी ग्रांट या कनसेशन मिलता है? टीचर स्टूडेंट रेशो क्या है? लैंड और बिल्डिंग कितनी है? इन्फ्रास्ट्रक्चर कैसा है? क्या सुविधाएं बच्चों को दी जा रही हैं? आय और खर्चे कितने हैं? शिक्षकों की योग्यता क्या है? आदि।
प्राइवेट स्कूलों के लिए फीस ढांचा डीसी तय करेंगे और यदि फीस स्कूल को बढ़ानी हो तो भी डीसी की अध्यक्षता वाली इस कमेटी को ही अप्लाई करना होगा। इसके बाद निजी स्कूल केवल उच्च शिक्षा निदेशक के पास अपील कर सकेंगे। कुछ और बदलाव भी इस प्रस्तावित कानून में हो सकते हैं। प्राइवेट स्कूल पांच साल से पहले वर्दी नहीं बदलेंगे। वर्दी खरीदने के लिए किसी एक दुकान या ब्रांड की शर्त नहीं लगाएंगे। किताबों के लिए भी यही प्रक्रिया रहेगी।
स्कूल के लिए पीटीए की भूमिका एडवायजरी की रहेगी। केवल एक ही बैंक खाता स्कूल का होगा, जिसमें सारी फीस जमा होगी। हर साल निजी स्कूल को सीए से आडिट करवाना होगा और आडिटिड अकाउंट्स हर साल सरकार से शेयर करने होंगे। अब यदि कैबिनेट सोमवार को इसे मंजूरी दे देती है, तो फिर विधानसभा के बजट सत्र में इस बारे में विधेयक आएगा।
- सोमवार को कैबिनेट में रखा जाएगा नए कानून का ड्राफ्ट
- गरीब बच्चों को फ्री एजुकेशन देने की शर्त भी लागू होगी
- 8 बिंदुओं पर तय होगी फीस, ऑडिटिड खाते दिखाने होंगे
- डीसी फीस ढांचा तय करेंगे, शिक्षा निदेशक अपील सुनेंगे
- एक ही बैंक खाता होगा, 5 साल से पहले वर्दी नहीं बदलेंगे
- निजी स्कूल फीस नियंत्रण को बजट सत्र में आएगा बिल
कैबिनेट में संशोधन के लिए आएंगे ये 3 कानून
लैंड सीलिंग एक्ट
राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह की अध्यक्षता वाली कमेटी की सिफारिश पर कैबिनेट में एचपी लैंड सीलिंग एक्ट 1972 में संशोधन का मामला लाया जा रहा है। इसमें सीलिंग से बाहर जमीन को बेचने के नियम कड़े करने और चाय बागानों को बेचने के लिए बनाए गए प्रावधान 6ए और 7ए को हटाया जा सकता है।
लैंड रेवन्यू एक्ट
एचपी लैंड रेवन्यू एक्ट 1953 में भी संशोधन प्रस्तावित है। कैबिनेट में ये ड्राफ्ट रखा जा सकता है। इसमें जमीन का असेस्मेंट प्रोसीजर, इलेक्ट्रानिक समन शुरू करना, रिविजन केवल वित्तायुक्त अपील के पास देना, अंतरिम आर्डर पर अपील खत्म करने सुनवाई की अधिकतम अवधि तय करने के प्रावधान किए जा सकते हैं।
लोकतंत्र प्रहरी सम्मान
लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना इमरजेंसी के दंश झेलने वालों के लिए जयराम सरकार ने पिछले बजट में शुरू की थी। इस स्कीम को लीगल रूप देने के लिए इस बारे में एक विधेयक इसी बजट सत्र में लाया जा रहा है। इसके तहत रह माह पेंशन की तरह राशि देने का प्रावधान है। इसका ड्राफ्ट भी कैबिनेट में रखा जाएगा।