सीएम जयराम ने जाना प्रशिक्षण का तरीका, प्रदेश का पहला ड्राईविंग प्रशिक्षण सेंटर खुला
चंद्रमोहन चौहान। ऊना : जिला ऊना में अब बिना ड्राईविंग कक्षाएं लगाए लर्निंग लाईसेंस नहीं बनेगा। कक्षाएं लगाने के लिए प्रदेश के पहले सेफ्टी ड्राईविंग एजूकेशन सेंटर का शुभांरभ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ऊना में किया। 2.91 करोड़ से बने आरटीओ कार्यालय के उद्घाटन के साथ ही इस कार्यालय की तीसरी मंजिल पर बनाए गए प्रदेश के पहले ड्राईविंग लाईसेंस प्रशिक्षण सेंटर को भी शुरू किया गया। जिसका संचालन परिवहन विभाग व होंडा कंपनी द्वारा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को परिवहन विभाग व होंडा कंपनी के प्रतिनिधियों ने रोड़ सेफ्टी के लिए यातायात नियमों की जानकारी लाईसेंस बनने से पहले आवेदक को देने की प्रक्रिया को समझाया। होंडा कंपनी के प्रतिनिधि इस ड्राईविंग स्कूल का निशुल्क संचालन करेंगे, जिसमें आवेदक से कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यातायात नियमों की जानकारी की कमी होने के चलते सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा हो रहा है। इसके लिए जरूरी है कि लाईसेंस बनाने से पहले यातायात नियमों का प्रशिक्षण दिया जाए।
ऐसे में पायलट प्रोजेक्ट के नाते प्रदेश का पहला सेफ्टी ड्राईविंग एजूकेशन सेंटर (एसडीईसी) का शुभारंभ ऊना में किया गया है। यदि इसके बेहतर परिणाम सामने आते है, तो इस प्रकार के प्रशिक्षण सेंटरों को प्रदेश भर में खोला जाएगा। उन्होंने परिवहन विभाग व होंडा कंपनी को इस संयुक्त प्रोजेक्ट के लिए बधाई दी। इस अवसर पर परिवहन विभाग के एडिशनल कमिशनर सुनील शर्मा, एआरटीओ राजेश कौशल, सचिंद्र चौधरी, एमबीआई अजय सहित अन्य उपस्थित रहे।
बदलाव के साथ नया नियम होगा लागू
सीएम जयराम ने नए मोटर वाहन नियम को लेकर कहा कि अभी पूरे मामले को स्टडी किया जा रहा है। पूरे देश में नए मोटर एक्ट नियम को संशोधित कर लागू किया जा रहा है। हिमाचल एक पहाड़ी प्रदेश है। ऐसे में नए मोटर एक्ट में क्या करना है, इसको लेकर अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद जो आवश्यक होगा, उसमें बदलाव कर हिमाचल प्रदेश में लागू करेंगे।
सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान को सराहा
सीएम जयराम ने कहा कि लोग यातायात नियम के प्रति जागरूक हो, इसके लिए परिवहन विभाग व हिमाचल दस्तक समाचार पत्र के माध्यम से एक मुहिम छेड़ी गई है। जो कि सराहनीय है। बच्चों में भी नियमों के प्रति जागरूकता आनी चाहिए।