शैलेश सैनी। नाहन
औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब की ओरिसन के मालिक राकेश गोयल को हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है। माननीय हाई कोर्ट द्वारा उन्हें अग्रिम जमानत दिए जाने पर कहा है कि वह मामले में जांच कर रहे थाना प्रभारी कालाअंब को पूरा सहयोग करेंगे। मामले से संंबंधित डॉक्यूमेंट को वह स्वयं थाना आकर उपलब्ध करवाएंगे। ओरिसन फार्मा की ओर से एडवोकेट केडी श्रीधर ने उनका पक्ष रखा। चूंकि मामले में कार्रवाई जारी है, ऐसे में परमानेंट जमानत के लिए जांच के बाद ही अप्लाई किया जा सकेगा।
गौरतलब है कि औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब की ओरिसन फार्मा कंपनी के मालिक के खिलाफ अवैध तौर पर जाली मार्केटिंग फर्मों के साथ षडय़ंत्र रच कर उनके नाम पर प्रतिबन्धित दवाओं का निर्माण करके अन्य राज्यों में बेचने पर थाना कालाअंब में मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस ने उद्योग का निरीक्षण कर वहां से कुल 30,10,050 टेबलेट और 226.140 किलोग्राम मिक्सड ट्रामाडोल रॉ मैटिरियल बरामद किया था। पुलिस को पता चला कि ओरिसन फार्मा द्वारा सेल्सीडाल-100 एसआर जिसमें ट्रामाडोल होता है, का निर्माण मार्केटिड बॉय पीपी फार्मा मुंबई के लिए किया जाता है।
इसके अलावा सेल्वीडॉल 100 एसआर इसमें भी ट्रामाडोल पाया जाता है का निर्माण मार्केटिंग बॉय न्यू केयर हैल्थ केयर साहिबाबाग अहमदाबाद गुजरात के लिए किया गया था। जब उक्त दोनों कम्पनियों के बारे में स्थानीय पुलिस द्वारा छानबीन की गई तो दोनों कंपनियां पते पर मौजूद नहीं पाई गई।
हालांकि मामला एनडीपीएस से जुड़ा है, मगर मामले में कहीं भी ऐसा कुछ नहीं मिला कि माल दो नंबर में बन रहा था। केवल मार्केटिंग को लेकर कुछ तथ्य सामने आए है जो कि दिल्ली से जुड़े हैं। इसमें जांच होना बाकी है।
काबिलेगौर यह भी है कि दवा का निर्माण कितनी भी मात्रा किया जा सकता है यह दवा के रॉ मैटिरियल के कोटे पर निर्भर करता है, जबकि यह कोटा सरकार के द्वारा पूरी प्रक्रिया के साथ रिलीज होता है। वहीं दवा निर्माता कंपनी के कागज पूरे हैं और शिवा ट्रेडर द्वारा दिया गया परचेज ऑर्डर भी शामिल किया गया है।