हिमाचल दस्तक: शिमला
राज्य सचिवालय में वरिष्ठ सहायक के 522 पदों को प्रमोशन से भरा जाएगा। जूनियर सहायकों से वरिष्ठ सहायक बनने के लिए कर्मचारियों को 7 साल में प्रमोट कर दिया जाएगा। पहले ये कर्मचारी 10 साल तक इंतजार करते थे। सरकार ने पिछले दिनों कैबिनेट में फैसला लिया था, जिस पर सोमवार को सचिवालय प्रशासन ने न केवल नए भर्ती एवं पदोन्नति नियम जारी किए हैं, बल्कि कई कर्मचारियों के पदोन्नति आदेश भी जारी कर दिए हैं। प्रमोट हुए कर्मचारियों को वरिष्ठ सहायकों के पदों पर वेतनमान 10300-34800 का मिलेगा, जिसके साथ 4400 ग्रेड-पे और 900 रुपये सचिवालय पे भी दी जाएगी।
प्रमोट हुए कर्मचारियों में दुर्गादत्त, कृष्णलाल, नीताराम, राजेश चौहान, विपिन कुमार, राजकुमार, घनश्याम ठाकुर, राकेश भारद्वाज, प्रकाश चंद, सुनील कुमार, रत्नलाल, भूपेंद्र सिंह, सुरेश कुमार, हुसन सिंह, रामेश्वर दत्त, राकेश कुमार, द्रोपदी देवी, भीमदेव, दिलीप कुमार, मीना देवी, सुभाष चंद, मुंशीराम, सीमा देवी, सतवीर सिंह, भूप सिंह, दिनेश कुमार, रूप सिंह के नाम शामिल है। अभी कई कर्मचारियों को प्रमोट किया जाएगा। बता दें कि लंबे समय से सचिवालय में वरिष्ठ सहायकों के 522 पद खाली पड़े हैं, जिनके लिए नए भर्ती पदोन्नति नियमों का इंतजार किया जा रहा था। क्लर्क से जूनियर असिस्टैंट बने कर्मचारियों को 7 साल नियमित सेवा काल के बाद वरिष्ठ सहायक पदों पर पदोन्नति मिल सकेगी।
8 सप्ताह में होगा जेओए आईटी की नियुक्तियों के मामले पर फैसला
- सोमवार को जवाब दायर नहीं कर पाई सरकार
- कर्मचारी चयन आयोग ने तैयार किया है जवाब
विशेष संवाददाता : शिमला
जेओए आईटी की नियुक्तियों के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 8 सप्ताह का समय दिया है। सूत्रों के अनुसार हिमाचल सरकार इस मामले में अपना जवाब दायर नहीं कर पाई। हालांकि कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से जवाब तैयार कर दिया गया है और उसे दिल्ली में मौजूद हिमाचल सरकार के एडवोकेट्स को भी भेज दिया गया है परंतु समय पर इस जवाब के नहीं मिलने से वहां उसे दायर नहीं किया जा सका है।
सूत्रों की मानें तो इस मामले पर अब सुनवाई 8 सप्ताह में होगी और उस दिन सरकार की ओर से जवाब दायर होगा। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट कब तक इसपर निर्णय लेती है यह देखना होगा। 1100 से ज्यादा पदों पर भर्ती की प्रक्रिया कर्मचारी चयन आयोग ने शुरू की थी लेकिन तब 600 से ज्यादा पदों को भरा गया और शेष पद नहीं भरे गए।
ऐसे में जो कर्मचारी तब सरकारी नौकरी पर रख दिए गए थे उनकी नौकरी पर अब हाई कोर्ट के आदेश आने के बाद खतरा मंडरा रहा है। यही लोग सुप्रीम कोर्ट गए हैं जिसपर सरकार को जवाब देना है। मैरिट के आधार पर नौकरी के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अभी आएगा लेकिन दूसरी तरफ सरकार शेष पदों पर भर्ती को आगे चालू करेगी या नहीं इस पर भी अभी तक निर्णय नहीं लिया गया है।