नई दिल्ली : सरकार ने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कारपोरेट कर दरों में कमी के चलते 1,45,000 करोड़ रूपए की राजस्व हानि होने के आसार हैं।
लोकसभा में नुसरत जहां रूही के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कारपोरेट कर में कटौती के जरिए दिए गए प्रोत्साहनों से अर्थव्यवस्था में जल्द प्रभाव होने का अनुमान है। भारत में नए निवेश से न केवल नई नौकरियां सृजित होने का अनुमान है बल्कि इससे आय में भी बढ़ोत्तरी होगी और फलस्वरूप मध्यम से दीर्घकाल में कर संग्रहण में वृद्धि होगी।
यह पूछे जाने पर कारपोरेट कर में कटौती करने के कारण सालाना कितने राजस्व का नुकसान होगा, अनुराग ठाकुर ने कहा, वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कारपोरेट कर दरों में कमी के फलस्वरूप।,45,000 करोड़ रूपए की राजस्व क्षति होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि राजस्व संग्रह में तेजी लाने के लिए कर जाल का विस्तार करने और इसे व्यापक बनाने के लिए विभिन्न उपाए भी किए जा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि कारपोरेट कर दरों को कम किए जाने से नया निवेश आकर्षित होगा, नौकरियां सृजित होंगी तथा समग्र आर्थिक विकास बढऩे का अनुमान है।