ज्योति लाल बग्गा। ऊना : केंद्र सरकार से बेहद खफा चल रहे देश के ग्रामीण डाक कर्मियों ने गुरूवार को देश भर के मंडलीय कार्यालयों में एक दिन की भूख हड़ताल करते हुए धरना प्रदर्शन किया। केंद्रीय नेतृत्व की अपील पर गुरूवार को ऊना मंडल डाक मुख्यालय पर एक दिन का भूख हड़ताल में एक दर्जन के करीब ग्रामीण डाक सेवकों ने धरना प्रदर्शन कर अपना रोष जताया।
एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण डाक कर्मियों ने कहा कि केंद्र सरकार ने कमलेशचंद्र कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने में देश भर के करीब तीन लाख ग्रामीण डाक सेवकों से वादा खिलाफी की है। आधी अधूरी सिफारिशों को लागू करके डाक विभाग की रीढ़ कहे जाने वाले ग्रामीण डाक कर्मियों से सरकार ने बहुत बड़ा धोखा किया गया है। ग्रामीण डाक कर्मियों का कहना है कि उनकी डयूटी के चार घंटे विभाग ने तय किए हैं, लेकिन उन पर काम का इतना बोझ लादा गया है, कि वह आठ घंटे में भी पूरा नहीं होता। यही नहीं अलग से विभाग टारगेट देकर मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रहा है।
भूख हड़ताल को विवश हुए ग्रामीण डाक सेवकों की प्रमुख मांगों में जीडीएस को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देना है। इसके अलावा कमलेशचंद्र कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक 12, 24 तथा 36 साल सेवा के अनुसार तय वेतनबृद्वि लागू करना। समूह बीमा राशि को पांच लाख करना। सवेतन अवकाश को 180 दिन तक ले जाना तथा नकद भुगतान करना। ऑरियंटल बीमा योजना में जीडीएस को स्वास्थ्य सुविधांए देना।
आईपीपीबी के काम में प्रोत्साहन राशि को बंद करके काम के घंटों को बढ़ाना। आईपीपीबी के अकाऊंट के अव्यवहारिक और अवैज्ञानिक लक्ष्य पर रोक लगाना तथा सेवानिवृत्ति/समाप्ति के लाभ सेवानिवृत्ति वाले दिन ही दिए जाएं शामिल हैं। ग्रामीण डाक सेवक संघ ऊना मंडल के सचिव जगतार सिंह ने कहा कि यह संघर्ष की शुरूआत है, मांगें नहीं मानी गई, तो भविष्य में आगामी रणनीति तय की जाएगी।