हिमाचल दस्तक। सुंदरनगर
सामान्य वर्ग संयुक्त मंच हिमाचल प्रदेश ने उच्चतम न्यायालय द्वारा हाल ही में नौकरी तथा प्रमोशन आदि में आरक्षण को मौलिक अधिकार न होने के ऐतिहासिक फैसले पर भारतीय जनता पार्टी प्रमुख जगत प्रकाश नड्डा एवं केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान अध्यक्ष लोक जनशक्ति पार्टी द्वारा जारी किए गए बयानों की घोर निंदा की है।
सामान्य वर्ग संयुक्त मंच के शीर्ष पदाधिकारियों के सर्वसम्मत निर्णय के उपरांत केएस जम्वाल प्रदेश संयोजक सामान्य वर्ग संयुक्त मंच तथा प्रदेश महासचिव राजपूत महासभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इसके विरोध में एक विस्तृत ज्ञापन भेजा। अपनी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में केएस जम्वाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस बारे में अनुरोध किया कि वह अपनी पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों और केंद्रीय मंत्रियों को उच्चतम न्यायालय के ऐसे ही किसी निर्णय के विरुद्ध तथा सामान्य वर्ग के मौलिक अधिकारों के विरोध में कोई उल्टे-सीधे अनैतिक बयान देने से रोकें।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि वह जब भी एससी / एसटी वर्ग की सहायतार्थ कोई निर्णय लेते हैं, तो उस समय 70 प्रतिशत के करीब सामान्य वर्ग के लोगों के हितों का भी ध्यान रखें, ताकि उनके न्याय व जीने के मौलिक अधिकारों का किसी प्रकार से हनन न हो और समाज में समानता व समरसता बनी रहे। उन्होंने केंद्र सरकार से वर्तमान सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लिए गए निर्णय के विरुद्ध कोई अन्य अनैतिक कानून या बिल आदि न लाने का अनुरोध किया ताकि सामान्य वर्ग के लोग विशेषकर युवा और अधिक आक्रोशित न हों अन्यथा हमें भी अपने जारी सघंर्ष को और तेज करने के लिए सड़कों पर उतरने पर मजबूर होना पड़ेगा, जिसके लिए सरकार स्वयं जिम्मेदार होगी।