धर्म चंद वर्मा : मंडी
हिमाचल प्रदेश में बीते चार साल में पचास हजार चार सौ युवाओं को आईटीआई, कॉलेज व पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्रशिक्षत किया गया। जिससे वे अपने हुनर को निखार कर सरकारी व निजी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करने के अलावा अपना स्र्टाटअप शुरू कर दूसरों को भी रोजगार मुहैया करवा सके। हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के प्रदेश समन्वयक नवीन शर्मा ने कहा कि कौशल विकास निगम प्रदेश के युवाओं के हुनर को निखार कर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए सक्षम बना रहा है।
यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि गत चार वर्षों में कोविड-19 के बावजूद आईटीआई, कॉलेज और अन्य संस्थानों के माध्यम से करीब पचास हजार चार सौ युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिनमें से प्रदेश की 56 आईटीआई में 37191 युवाओं को कौशल विकास के माध्यम से प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। जिनमें से 10413 युवा आईटीआई के माध्यम से प्रशिक्षित हो चुके हैं। जिनमें से अधिकांश को कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से रोजगार भी मिल
चुका है।
उन्होंने कहा कि हालांकि यह आंकड़ा अभी कम है। इसके पीछे प्रदेश के युवाओं की बाहर जाकर नौकरी न करने की मानसिकता भी रही है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कौशल विकास निगम के चेयरमैन हैं। जिनमें मार्गदर्शन में कौशल विकास निगम की ओर से केवल आईटीआई में युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए 74 करोड़ की राशि प्रदान की गई है। वहीं पर प्रदेश की पचास आईटीआई में मशीनों की अपगेडेशन और नई मशीनरी की खरीद के लिए 75 करोड़ रूपए की राशि खर्च की जा रहा है।
इसके अलावा महिलाओं के लिए अलग से पॉलिटेक्निक कॉलेज की स्थापना कांगड़ा जिला के नूरपुर स्थित रैहन में की जा रही है। यहां पर 42 करोड़ की लागत से भवन का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश के महाविद्यालयों में पढ़ाई के अलावा वीवॉक के माध्यम से शॉर्ट टर्म कोर्स करवाए जा रहे हैं। जिसमें 4621 बच्चों ने दाखिला लिया है।
प्रदेश के 28 कालेजों में कौशल विकास कोर्स पर 39 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है। उसी प्रकार प्रधानमंत्री कौशल विकास के माध्यम से 16375 बच्चों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। जबकि 2598 युवाओं को रोजगार भी मुहैया करवाया गया है। उसी प्रकार आरपीएल कार्यक्रम के माध्यम से होटलों व ढाबों में काम करने वालों के लिए अलग से तीन दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है।