ज्योति लाल बग्गा। ऊना
कोरोना के बढ़ रहे मामलों को लेकर जहां हर कोई अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है, वहीं सबकुछ बंद होने के कारण लघु उद्योग मालिकों की भी परेशानी बढ़ गई है। खासकर लोन लेकर उद्योग पेपर प्लेट्स, डिस्पोजेबल, पेपर गिलास बनाने वाले ज्यादा चिंतित हैं। कारण शादी समारोह सहित अन्य समारोह पूर्णत: बंद होने के कारण पूरा दिन खाली बैठकर गुुजारना पड़ रहा है।
हालात यह हो गए हैं कि घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। ऊपर से लोन की किस्तों को लेकर रातों की नींद उड़ गई है। ऐसे में लघु उद्योग मालिकों ने लोन की ब्याज दर माफ करने की मांग उठाई है।
बता दें कि पिछले एक वर्ष से पेपर प्लेट्स, डिस्पोजेबल, पेपर गिलास बनाने वाले उद्योग डूबने की कगार पर पहुंच गया है। कोरोनाकाल के चलते शादियां और अन्य समारोह पर सरकार द्वारा रोक लगाई गई है, जिससे पेपर डिस्पोजेबल की मांग में भी कमी आई है।
पेपर गिलास की मशीन लगाने वाले गुगलैहड़ निवासी संजीव शर्मा ने बताया कि आजकल पेपर गिलास की कम मांग के कारण बैंक की किस्त निकालना मुश्किल हो गया है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि सरकार बैंक की लोन किस्तों को पिछले वर्ष की भांति कुछ रियात दे।
बसाल में वीरेंद्र कुमार ने पेपर की कई मशीनें लगा रखी हैं, जिसमें नेपकिन पेपर की मशीन भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि उद्योग में करीब आधा दर्जन कामरागों को रखा हुआ है, जिससे उनके घर का गुजारा चलता है। उनकी मजबूरी को देखते हुए अब कामगारों को निकाल भी नहीं सकते। लेकिन अब हालत यह है कि उनको मजदूरी देना भी गले की फांस बना हुआ है।
उन्होंने बताया कि साल भर से डिस्पोजल की कम मांग के कारण बैंक किश्त निकाल पाना और मजदूरों की तनख्वाह देना काफी मुशिकल हो गया है। कोटला के देसराज का कहना है कि कुछ वर्ष पहले बैंक के माध्य्म से लघु उद्योग स्टार्ट किया था, लेकिन आज कल काम काफी धीमी गति से चल रहा है। ऐसे में सरकार को लघु उद्योग की किस्त कुछ माह के लिए टाल देनी चाहिए और लोन पर ब्याज माफ करना चाहिए।
बहडाला के ज्योति ने बताया कि वर्ष 2019 में पेपर डोना की मशीन मुख्यमंत्री की योजना से काम शुरू किया था। कोरोना की वजह से उनका कारोबार बिल्कुल डूबने की कगार पर पहुंच गया है। ऊपर से बैंक किस्त देना भी पूरी तरह से असमर्थ है। उन्होंने मांग की है उनकी तरह जिला में कई स्थानों पर लघु उद्योगों लगे हुए है। सरकार इन सभी की किस्तों को कुछ माह के लिए टाल दें, तो यह डूबने से बच जाएंगे।