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उठाई मांग, मूल्य वृद्धि का फैसला जल्द लिया जाए वापस
हिमाचल दस्तक। रामपुर बुशहर
प्रदेश सरकार ने सरकारी डिपुओं में खाद्य वस्तुओं और तेल के दामों की वृद्धि कर गरीबों की रही-सही कमर भी तोड़ दी है। यह बात समाजसेवी रीना ठाकुर ने कही।
रीना ठाकुर ने कहा कि कोरोनाकाल में सरकार लोगों को राहत देने के बजाय मध्यम वर्ग और गरीबों की मुश्किलों को बढ़ा रही है। ठाकुर ने कहा कि एक तो कोरोना महामारी के चलते लोगों के व्यापार ठप हो चुके हैं और दूसरी ओर बेमौसमी वर्षा और बर्फबारी ने बागवानों और किसानों की मुख्य आर्थिकी सेब व अन्य नकदी फसलों को तबाह कर बागवानों की कमर तोड़ दी है। रही-सही कसर सरकार पूरी कर रही है।
उन्होंने कहा कि जहां कोरोना महामारी के चलते लोगों को सरकार द्वारा राहत दी जानी चाहिए थी, वहीँ सरकार ने बिजली, पानी और बसों के किराए में वृद्धि कर जनता पर बोझ डाल दिया था। अब तो सरकारी डिपो में मिलने वाले दालों, तेल में भारी वृद्धि कर सरकार ने गरीबों का जीना मुश्किल कर दिया है।
सरकारी डिपो में मिलने वाले तेल के दाम में एकमुश्त 57 प्रति लीटर, चने व मलका की दाल में 10 से 15 रुपये की वृद्धि सरकार की लोगों के प्रति संवेदनहीनता को दर्शाता है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों के काम बंद हो चुके हैं। आधे से ज्यादा बेरोजगार हो गए हैं। ऐसे में जनहित में सरकारी डिपो के राशन में मूल्य वृद्धि का फैसला वापस लेना चाहिए।