बुधवार को टांडा में हुए साक्षात्कार शुक्रवार को आईजीएमसी में होंगे
हिमाचल दसतक ब्यूरो। तपोवन : स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह कहा कि सरकार एर्फोडेवल और क्वालिटी हेल्थ पर काम कर रही है। डॉक्टरों के रिक्त पदों पर जल्द भरा जाएगा और जल्द प्रदेश को करीब 350 नए डॉक्टर मिलेंगे। टांडा में बुधवार को साक्षात्कार हुए हैं और शुक्रवार को आईजीएमसी शिमला और सोलन में साक्षात्कार आयोजित कर तैनाती की जाएगी।
यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री ने नियम-130 के तहत स्वास्थ्य सेवाओं के सवाल के जवाब में दी। परमार ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर रेंडम तौर पर 1157 सैंपल भरे गए थे। इसमें छह फीसदी सैंपल फेल हुए हैं। फार्मा जगत में हिमाचल एशिया का नंबर एक दवाई उत्पादन का क्षेत्र है। प्रदेश की दवाइयों के सैंपल फेल होने की दर 1.56 फीसदी है। जबकि अन्य राज्यों की यह दर 4.5 फीसदी है। ऐसे में गुणवत्ता पर निराधार आरोप हैं।
जेनेरिक दवाइयों की गुणवत्ता की बात है, तो विभिन्न प्रकार की 251 जेनेरिक दवाइयों के सैंपलों की जांच की गई थी, जिसमें 10 सैंपल फेल हुए हैं। चर्चा के दौरान रामलाल ठाकुर, आशा कुमारी व इंद्रदत्त लखनपाल ने पत्र बम की याद दिलाई। रामलाल ठाकुर ने कहा कि इस चर्चा में पत्र बम की बात नहीं करेंगे। यह आपके घर का मामला है। आशा कुमारी ने भी तंज कसा।
लखनपाल ने उठाया बच्ची की मौत का मामला
नियम 130 के तहत विधायक इंद्र दत्त लखनपाल, अरुण मेहरा व विधायक रामलाल ठाकुर ने प्रस्ताव लाया। लखनपाल ने कहा कि 22 अक्तूूबर को उनके हलके में एक 9 वर्षीय बच्ची की एंटीबायोटिक इंजेक्शन लगाने से तबीयत खराब हुई और पीजीआइ में मौत हो गई। परिजनों ने कई घंटे चक्का जाम भी किया। अब तक करीब 12 से 15 मौतें एंटीबायोटिक इंजेक्शन के रिएक्शन से हुई हैं। सरकार घटिया दवाइयों की खरीद कर रही है।
प्रदेशभर में लंबे समय से एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं है। प्रस्ताव की चर्चा में विधायक राकेश पठानिया, आशा कुमारी, विक्रम जरियाल, विक्रमादित्य, नरेंद्र सिंह ठाकुर, नंद लाल, सुखराम चौधरी, धनीराम शांडिल्य, राकेश सिंघा, कमलेश कुमारी, सुंदर सिंह ठाकुर, मुल्खराज प्रेमी, जीत राम कटवाल, लखविंद्र सिंह राणा, राजेंद्र गर्ग व परमजीत सिंह पम्मी ने हिस्सा लिया।
डेढ़ घंटा बढ़ाई गई सदन की बैठक
नियम-130 पर स्वास्थ्य सेवाओं पर दो बजे से शुरू हुई चर्चा काफी लंबी चली। इसके चलते सदन की कार्यवाही डेढ़ घंटा बढ़ाई गई। पहले कार्यवाही को एक घंटे के लिए बढ़ाया गया। बाद में 30 मिनट के लिए बैठक की अवधि बढ़ाई गई।