- तैयारी : बैठक में वन विभाग को संभावनाएं तलाशने को कहा
- स्वास्थ्य ने वन विभाग को भेजा प्रस्ताव आईसीएमआर रिसर्च से जुड़ेगा
- सीआईआर कसौली में एंटी स्नेक वेनम बनाने की दिशा में पहला कदम
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : राज्य का पहला स्नेक पार्क पालमपुर के गोपालपुर में स्थापित हो सकता है। राज्य के सांपों के जहर पर अध्ययन और इस जहर से एंटी स्नेक वेनम बनाने के प्रयास में जुटे स्वास्थ्य विभाग ने इस बारे में वन विभाग को प्रस्ताव भेजा है। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने बताया कि इस बारे में हुई संयुक्त बैठक में वन विभाग को इस पार्क की संभावनाएं तलाशने को कहा गया है। सांपों के लिए उचित तापमान के लिहाज से गोपालपुर का नाम सुझाया गया है।
यदि ऐसा हुआ तो ये राज्य का पहला स्नेक पार्क होगा। इस पार्क में राज्य में पाए जाने वाले सांपों की प्रजातियों को ही रखा जाएगा ताकि इनमें से वेनम निकालकर उस पर अध्ययन भी हो सके। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि ये हमारे लिए चिंता की बात है कि बाहर के सांपों के जहर से बनने वाले एंटी स्नेक वेनम का यहां के मरीजों पर पूरा असर नहीं हो रहा है। इसकी एक वजह ये हो सकती है कि वेनम का चयन सही न हो।
उन्होंने कहा कि हमारे लिए ये ज्यादा बेहतर होगा यदि हिमाचल में पाए जाने वाले सांपों के जहर का एंटी स्नेक वेेनम सीआरआई कसौली में ही तैयार हो। इससे इसके असर और प्रभाव पर अध्ययन भी हो सकेगा। गौरतलब है कि एंटी रेबीज वैक्सीन पर काम कर पद्मश्री पुरस्कार पा चुके हिमाचल के डॉ. उमेश को आईसीएमआर से सर्पदंश से होने वाली मौतों के अध्ययन का प्रोजेक्ट मिला है। डॉ. भारती केरल के डॉ. जयदीप मेनन के साथ स्नेक बाइट से होने वाली मौतों की रोकथाम और इसके सस्ते इलाज के लिए शोध करेंगे। इसी शोध के साथ स्नेक पार्क को भी जोड़ा जा रहा है, ताकि इस अध्ययन में भी मदद मिल सके।
अभी तक स्वास्थ्य विभाग के पास ऐसा पुष्ट डाटा भी नहीं है कि राज्य में कुल कितने लोगों की मौत हर साल सांप के काटने से होती है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि लोग सांप के काटने पर अधिकांश मामलों में झाड़ फूंक में समय गंवा देते हैं और अस्पताल पहुंचने से पहले ही व्यक्ति की मौत हो जाती है। हालांकि जो मरीज समय पर अस्पताल पहुंच जाते हैं और जिन्हें समय रहते एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन मिल जाता है, उनमें से अधिकांश की जान बच जाती है। लेकिन ये पूरी तरह ठीक नहीं होते। इसकी वजह कहीं इंजेक्शन की क्वालिटी तो नहीं, ये अब डॉ. उमेश के अध्ययन से पता चलेगा।
आईसीएमआर के नए प्रोजेक्ट से स्नेेक बाइट के मामलों में काफी नई बातें सामने आएंगी। हमने संयुक्त चर्चा के बाद वन विभाग को कहा है कि पालमपुर के गोपालपुर में स्नेक पार्क बनाएं। वहां पर्याप्त जगह है और ये क्लाइमेट के हिसाब से भी सांपों के लिए उचित स्थान है।
-आरडी धीमान अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण