रोहित शर्मा : शिमला
मंडी जिला के एक मामले पर हाईकोर्ट से सीआईडी को जांच सौंपने के बाद सीआईडी ने जांच शुरू कर दी है। मामले की जांच के लिए सीआईडी ने टीमे गठित कर दी है। बताया जा रहा है कि जल्द ही इस मामले से जुड़े लोगों से सीआईडी पूछताछ करेगी। मामला कोर्ट में होने के कारण सीआईडी के अधिकारियों ने मामले पर कुछ भी बताने से इनकार किया हैं, लेेकिन सूत्रों का कहना है कि सीआईडी इस मामले को सुलझाने के लिए जुट गई है। जल्द ही इस मामले में संबंधित लोगों से पूछताछ की जाएगी।
गौरतलब है कि अक्टूबर-२०२० में नाबालिग के पेट दर्द हुआ तो वह मां के साथ जांच के लिए अस्पताल गई। जांच के दौरान नाबालिग के गर्भवती होने की बात सामने आई। अल्ट्रासाउंड में गर्भ में चार से आठ सप्ताह का भ्रूण मिला था। डॉक्टरों ने नाबालिग के गर्भवती होने की बात उसकी मां को बताई थी। मां ने बेटी से पूछताछ की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। हालांकिए शक के आधार पर मां ने एक युवक के विरुद्ध पुलिस के पास शिकायत दीण् इसके बाद पॉक्सो अधिनियम के अंतर्गत पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया थाण् पुलिस ने जब दोबारा स्वास्थ्य संस्थान में नाबालिग की मेडिकल जांच करवाई तो भ्रूण नहीं मिला।
पहली बार जांच करने वाले डॉक्टर इस बात से हैरान थे। रिपोर्ट सामने आने के बाद पुलिस भी हैरान हो गई। पुलिस के समक्ष भी नाबालिग ने युवक पर कोई आरोप नहीं लगाए थे। पुलिस को ६० दिन के अंदर कोर्ट में चालान पेश करना थाण् जांच में पुलिस को कुछ नहीं मिला तो क्लोजर रिपोर्ट तैयार हुई। लेकिन आरोपी युवक को जमानत नहीं मिली और वह जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंचा। अब युवक को जमानत मिल गई है, मगर नाबालिग के पेट से भ्रूण कहां, कैसे गायब हो गयाए पुलिस इस बात का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। जांच करने वाले डॉक्टर अपने बयान पर कायम रहे। ऐसे में हाईकोर्ट ने सीआईडी को छानबीन का जिम्मा सौंपा है।