वीरेंद्र चौहान का दावा, कोर्ट ने उनके पक्ष में की सुनवाई, नरेश महाजन एंड टीम को 30 नंवबर को पेश होने को कहा
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : राजकीय अध्यापक शिक्षक संघ के राज्य स्तरीय चुनाव दो जगह होने का मामला अब अदालत तक जा पहुंचा है। एचजीटीयू के एक धड़े के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने शिमला में पत्रकार वार्ता में बताया कि एचजीटीयू की ओर से नरेश महाजन और 6 जिलों के अध्यक्षों को संघ के पैसे से हमीरपुर के मटाहनी में असंवैधानिक रूप से एचजीटीयू के नाम पर चुनाव करवाने के लिए कोर्ट में 15 नवंबर को मुकदमा दायर किया गया था।
उनका दावा है कि कोर्ट ने उनके पक्ष में संज्ञान लिया है और 30 नवंबर व अन्य लोगों को कोर्ट में हाजिर होने को कहा है इसके अलावा एचजीटीयू के नाम पर एकत्र किए गए पैसों को खर्च न करने के अंतरिम आदेश भी जारी किए गए हैं। वीरेंद्र चौहान ने आरोप लगाया है कि नरेश महाजन व अन्य लोगों को संघ की ओर से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद संघ के कार्यकारिणी भंग कर संघ के चुनाव करवाए गए हैं।
वहीं उनका दावा है कि उन्होंने न्यायालय के आदेशों की प्रति प्रधान शिक्षा सचिव, प्रारंभिक व उच्च शिक्षा निदेशालय प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष व रजिस्ट्रार सोसायटी को भी सौंपी है। उन्होंने मांग की उनके अलावा किसी अन्य को संघ का नाम व सिंबल किसी दूसरे व्यकित को प्रयोग करने न दिया जाए अगर कोई दूसरा व्यक्ति या संगठन अध्यापक संघ का नाम सिंबल या पेड का प्रयोग करता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
पुलिस को भी की है इसकी शिकायत
वीरेंद्र चौहान ने बताया कि उनकी ओर से ढली थाना में पूर्व प्रदेश महासचिव नरेश महाजन समेत 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उनका दावा है कि शिमला पुलिस की ओर से इस मामले में एसपी हमीरपुर के मामले की जांच करने के आदेश दिए गए हैं। उनका दावा है कि इन लोगों के पास अध्यापक संघ का करीब 16 लाख 83 हजार रुपए का सदस्यता शुल्क का पैसा है। इन पैसों के प्रयोग से ही हमीरपुर के मटाहनी में संवैधानिक रूप से चुनाव करवाएं गए हैं।
मुख्यमंत्री से मांगा है मिलने का समय
वीरेंद्र चौहान का कहना है कि अध्यापक संघ की ओर से मुंख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलने के लिए समय मांगा गया है। इस दौरान संघ की ओर से शिक्षकों की समस्याओं पर उनके चर्चा की जाएगी। इनमें प्रारंभिक शिक्षा प्रणाली को अक्षरक्ष लागू करवाना, प्राइमरी स्कूलों में एक कक्षा एक शिक्षक का प्रावधान, पुरानी पेंशन समय की बहाली, नए पे स्केल को लागू करवाने समेत कई मांगों पर मुख्यमंत्री से चर्चा की जाएगी।