हमीरपुर : उषा चौहान।
ब्रह्मलीन महंत शिवगिर की याद में आयोजित बरसी मेला श्रद्धा के शरूर व सिद्ध योगी नाथ के साक्षात आशीर्वाद के गरूर के बीच पूरे जोशोखरोश के साथ संपन्न हुआ। इस बरसी मेले का आयोजन महंत श्रीश्रीश्री1008 राजेंद्र गिर महाराज के आवास परिसर में प्रति वर्ष 19 फरवरी को आयोजित किया जाता है। इस बरसी मेले में देश-विदेश से उमड़े श्रद्धालुओं के सैलाब का श्रद्धाभाव देखते ही बनता है। बरसी मेले की बेला पर उमड़े संत समाज इस भव्य आयोजन का गवाह बनता है। संत समाज के बीच श्रद्धालुओं की श्रद्धा का जादू हर आम और खास के सिर चढक़र बोलता है। माना जाता है कि अनंतकाल से चली आ रही प्राचीन सिद्ध गद्दी जिस पर महंत दर्शनार्थ विराजमान होते हैं।
इस सिद्ध गद्दी पर महंतों का साक्षात आशीर्वाद श्रद्धालुओं को बाल योगी बाबा बालक नाथ के साक्षात प्रतिनिधि महंत द्वारा दिए जाने की सिद्ध परंपरा अनंतकाल से चली आ रही है। इस आयोजन का श्री गणेश 19 फरवरी शनिवार को सुबह 10 बजे ध्वजारोहण के साथ हुआ। सुबह 10 बजे से लेकर सायं 6 बजे तक लगातार बाबा के गुणगान में चौकियों का आयोजन किया गया। जिसमें लगातार महंत श्रीश्रीश्री1008 राजेंद्र गिर महाराज के साक्षात आशीर्वाद के बीच उमड़ा श्रद्धालुओं का समुह श्रद्धा और आस्था के साथ सराबोर रहा। मान्यता है कि महंत श्रीश्रीश्री1008 राजेंद्र गिर महाराज को गद्दीनशीन होते ही वाक सिद्धी का वरदान बाल योगी बाबा बालक नाथ से प्राप्त हुआ है।
शायद यही कारण है कि इस सिद्ध गद्दी से श्रद्धालुओं को महंत के संवाद में मिलने वाला आशीर्वाद फलीभूत होकर रहता है। एक अन्य मान्यता के अनुसार बाबा बालक बाल योगी की गुफा के दर्शनों के बाद महंत श्री के दर्शन व संवाद का विशेष महत्व है। इसी कारण से श्रद्धालु पावन गुफा में दर्शन करने के बाद महंत श्री की गद्दी पर उनका आर्शीवाद लेने के लिए पहुंचते हैं। ब्रह्मलीन महंत शिवगिर दियोटसिद्ध व आसपास के क्षेत्र के विकास के संस्थापक रहे हैं।
इस ब्रह्मलीन संत को आज भी क्षेत्र के लोग विकास के असली व सच्चे पैरोकार के तौर पर मानते व जानते हैं। सडक़, बिजली, पानी अस्पताल, लंगर, शिक्षण संस्थान, डिग्री कॉलेज, संस्कृत कॉलेज को शुरू करवाने का पूरा श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह इसी सिद्ध संत को जाता है। यह सिद्ध संत देश और दुनिया में दियोटसिद्ध के विकास पुरुष के नाम पर जाने जाते हैं। उनके विकास के जज्बे ने बाबा बालक नाथ की पावन धरती धौलगिरी पर्वत की छटा को ही बदलकर रख दिया था।
बाल योगी बाबा बालक नाथ भोले नाथ के अवतार व कलयुग के साक्षात सिद्ध देव हैं। यही कारण है कि मौजूदा दौर में बाबा बालक नाथ की ख्याती व प्रचार-प्रसार दुनिया भर में फैल रहा है। मेरे आदरणीय गुरू ब्रह्मलीन महंत शिवगिर के विकास के नक्शे चिन्हों पर चलने के लिए मैं वचनबद्ध हूं और आखिरी सांस तक दियोटसिद्ध के विकास के लिए संघर्षरत रहुंगा। क्योंकि यही मेरा फर्ज है और यही मेरा कर्ज है।