- आयोग के ही कर्मचारी को कर दिया था डिसमिस
- शिक्षा सचिव ने कहा लंबित जांच में ऐसे आदेश नहीं कर सकते
- उच्च शिक्षा निदेशक को तदर्थ अनुशासनात्मक अथॉरिटी लगाया
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : राज्य सरकार ने शिक्षा नियामक आयोग के चेयरमैन केके कटोच से अनुशासनात्मक कार्रवाई की शक्तियां वापस ले ली हैं। उन्होंने आयोग के ही एक कर्मचारी को डिसमिस कर दिया था। कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल सरकार से मिला और सारी बात रखी। इसके बाद पहले से जांच के अधीन चल रहे आयोग के चेयरमैन से ये शक्तियां वापस ले ली गईं।
प्रधान सचिव शिक्षा केके पंत ने पारित आर्डर में कहा है कि सीसीएस रूल्स के तहत ऐसी कोई अथॉरिटी काम नहीं कर सकती, जो पहले से ही जांच के अधीन हो, इसलिए आयोग के चेयरमैन आगामी आदेशों तक ऐसे कोई निर्णय नहीं लेंगे। साथ ही सीसीएस रूल्स के प्रावधान के तहत उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा को आयोग में तदर्थ अनुशासनात्मक अथॅारिटी लगा दिया है। गौरतलब है कि चेयरमैन को कई तरह के आरोपों के बाद सरकार ने पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी किया हुआ था।
इसके जवाब के लिए केके कटोच ने पहले सरकार से और समय मांगा था। इसके आरोप है कि वह आयोग अध्यक्ष रहते हुए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। इससे पहले निजी शैक्षणिक संस्थान नियामक आयोग के कार्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ भी आयोग के अध्यक्ष केके कटोच से टकराव हुआ था और मामला पुलिस के पास पहुंच गया था।
उल्लेखनीय है कि केके कटोच को निजी शैक्षणिक संस्थान नियामक आयोग के चेयरमैन पद पर पूर्व कांग्रेस सरकार ने नियुक्त किया था। वह इससे पहले पालमपुर कृषि विवि में वीसी थे। आयोग में दूसरे सदस्य डॉ. एसपी कत्याल से भी उनका छत्तीस का आंकड़ा है। ये भी आरोप हैं कि कुछ निजी विवि को उन्होंने बिना मांगे या बिना कमेटी की सिफारिश के कई कोर्स बांट दिए । ये सभी शिकायतें आने के बाद सरकार ने उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए थे।