अनूप शर्मा। बिलासपुर :
बिलासपुर मेें सरकार , जिला प्रशासन एवं नगर परिषद के सुस्त रवैये के चलते डंपिंग साईट का मुददा अधर मेें लटका हुआ है। अभी तक यह समस्या हल नहीं हो पाया है। जिस कारण यह समस्या नगर परिषद के लिए आफत बन गई है। गौरतलब है कि बिलासपुर नगर परिषद मेें पिछले तीन वर्षो से डंपिंग साईट की समस्या चली हुई है। दो वर्ष पूर्व नगर परिषद ने ग्राम पंचायत बामटा के साथ लगते क्षेत्र में डंपिंग साईट बनाने का प्रयास किया था । जिसका बामटा सहित साथ लगती ग्राम पंचायतो ने विरोध किया। हालांकि जिला प्रशासन ने भी उस समय इस मामले को सुलझाने का प्रयास किया । लेकिन यह समस्या हल नहीं हो पाई थी।
उसके बाद यह समस्या ज्यों की त्यो की बनी हुई है। अब नगर परिषद की हालत इस मसले को लेकर आगे कुंआ पीछे खाई वाली है। अगर नगर परिषद बिलासपुर शहर के कूडे कचरे को गोविंद सागर झील के किनारे डंप करती है तो प्रदूषण बोर्ड के नोटिसों का सामना करना पडता है अगर नहीं डंप करती है तो उसे कूडे कचरे में प्लास्टिक को छांट कर अलग अलग एक़ित्रत कर बाहर भेजना पड रहा है। लेकिन इससे भी जो वेस्ट रह जाता है ं। उसे ठिकाने लगाने की समस्या गले की फांस बन जाती है। बिलासपुर शहर में पिछले काफी समय से डोर टू डोर गारबेज उठाने की योजना तो सुचारू रूप से चल रही हैए लेकिन हालात यह हो गए हैं कि दूसरों के घर का कूड़ा अपने घर के बाहर सजाना पड़ रहा है।
अब तक इस समस्या इसके बाद उत्पन्न हुई और उसका निपटारा आज तक नहीं हो पाया है। नगर परिषद अब सूखे कूड़े को सीमेंट कंपनी और गीले कूड़े को पिग फार्म भेज रही हैए लेकिन कई बार सीमेंट कंपनी के अधिकारी भी इस कूड़े को लेने में कन्नी काट लेते हैं । बिलासपुर नगर परिषद में हर दिन क्विंटलों के हिसाब से कूडा एकत्रित होता है। अगर नगर परिषद की यह समस्या हल नहीं हो पाई है।
तो यह समस्या विकराल धारण कर सकती हैं । यदि यही हाल रहा तो आने वाले समय में डोर टू डोर गारबेज उठाने की प्रक्रिया भी दम तोड़ सकती है तथा हालात पहले से भी बदतर हो सकते हैं। उधर, बिलासपुर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी प्रकाश चंद का कहना है कि जब तक डंपिग साइट का प्रबंध नहीं हो जाता है तब तक यह समस्या बनी रहेगी। प्रशासन को चाहिए कि वह शीघ्र ही नगर परिषद के लिए डंपिग साइट उपलब्ध करवाए। नगर परिषद इस मसले को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है।