प्रतिमा चौहान : शिमला
प्रदेश विश्वविद्यालय को अब छात्रों को 180 दिनों के अंदर डिग्री देनी होगी। तय समय पर डिग्री न देने पर विवि पर यूजीसी की दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग छात्रों की डिग्रियों को लेकर गंभीर हो चुका है। उधर, अब विवि को अन्य रोकी गई डिग्रियां भी जल्द जारी करनी होंगी। यूजीसी ने सभी शिक्षण संस्थानों से डिग्रियों संबंधी जानकारी मांगी है। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन ने सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को परिणाम घोषित होने की तारीख से 180 दिनों के भीतर सभी छात्रों को डिग्री देने के लिए कहा है।
अधिकारिक नोटिस में कहा गया है कि डिग्री अवॉर्ड की तारीख/तारीखें उस तारीख के 180 दिनों के भीतर होंगी, जिसके द्वारा छात्रों से अर्हता प्राप्त करने और उनके लिए पात्र बनने की उम्मीद की जाती है। उच्च शिक्षा संस्थानों की ओर से डिग्री प्रदान करने में देरी के संबंध में स्टडी के विभिन्न प्रोग्राम में नामांकित छात्रों से बड़ी संख्या में शिकायतें/आरटीआई/प्रश्न प्राप्त करने के बाद आयोग ने यह निर्णय लिया है। यूजीसी ने अब इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और निर्णय लिया है कि उच्च शिक्षा संस्थानों को आयोग के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए।
समय पर प्रोविजनल डिग्री जारी करने के भी निर्देश
इसके साथ ही आयोग ने छात्रों को फाइनल ईयर के टेप के साथ प्रोविजनल डिग्री जारी करने के लिए भी कहा गया है। डिग्री प्रदान करने पर यूजीसी के नियमों का पालन करने के लिए विश्वविद्यालयों द्वारा उल्लंघन के मामले में आयोग दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा जैसा कि यूजीसी (शिकायत निवारण) विनियमन 2012 के विनियम 9 में अधिसूचित किया गया है।
विश्वविद्यालय पर उठ चुके हैं सवाल
बता दें कि प्रदेश विश्वविद्यालय पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। कर्मचारियों के रिक्त पद होने की वजह से छात्रों की डिग्रियां समय पर नहीं मिल पाती हैं। ऐसे में अब यूजीसी के निर्देशों को मानना विवि के लिए जरूरी हो चुका है। एचपीयू प्रशासन ने परीक्षा शाखा व विभागों से पैंडिग डिग्रियों की रिपोर्ट तलब की है।