- बारिश न होने से 10 दिन पहले तैयार हो गई फसल
- जिला में इस बार एक लाख 86 हजार मीट्रिक टन गेहूं का टार्गेट
- मैदानी इलाकों से पहाड़ी एरिया की तरफ बढ़ रही थ्रेशिंग
जीवन ऋषि : धर्मशाला
कांगड़ा घाटी में इन दिनों गेहूं की थ्रेशिंग जोरों पर चली हुई है। करीब 4 लाख किसान गेहूं की पैदावार करते हैं। मैदानी इलाकों जवाली, फतेहपुर, इंदौरा से होते हुए गेहूं की थ्रेशिंग कांगड़ा, नगरोटा बगवां, शाहपुर आदि बैल्ट में पहुंच गई है। अमूमन मैदानों में अप्रैल की शुरुआत में गेहूं की थ्रेशिंग होती है।
वहीं कांगड़ा, शाहपुर, नगरोटा आदि क्षेत्र में 30 अप्रैल तक काम शुरू होता है। इसी तरह धौलाधार रेंज यानी बैजनाथ, पालमपुर, धर्मशाला और शाहपुर की ऊ परी धारों में इसके बाद काम शुरू होता है, लेेकिन इस बार गेहूं पकने के बाद सूखे का स्पैल काफी लंबा चला। इस कारण गेहूं समय से १० दिन पहले ही पक गई। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि प्रोडक्शन तय लक्ष्य से कम रह सकता है।
क्या कहते हैं कृषि उपनिदेशक
जिला कृषि उपनिदेशक राहुल कटोच से हिमाचल दस्तक ने इस बारे में बात की। राहुल कटोच ने बताया कि इस बार जिला में एक लाख 86 हजार मीट्रिक टन गेहूं का टारगेट है। मौसम ने बड़ा असर भी डाला तो तीन-चार मीट्रिक टन से ज्यादा असर नहीं होगा। इस बार उम्मीद के मुताबिक गेहूं की अच्छी फसल है। जिला में थे्रशिंग अच्छे से चल रही है। गेहूं बिक्री केंद्रों का किसानों को लाभ उठाना चाहिए। किसी भी तरह की दिक्कत पर किसान उनसे संपर्क कर सकते हैं।
धर्मशाला भाजपा मंडलाध्यक्ष खेतों में डटे
धर्मशाला विधानसभा हलके के तहत भाजपा मंडल अध्यक्ष एवं पेशे से किसान अनिल चौधरी इन दिनों खेतों में डटे हैं। अनिल चौधरी के परिवार की गिनती अग्रणी किसानों में होती है। उनके परिजन नंबरदार रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार फसल अच्छी है। उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे के चलते वह व्यस्त थे। अब फ्री होने के बाद वह गेहूं की थे्रशिंग करवाने में जुटे हैं।