हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
केंद्रीय विश्वविद्यालय के देहरा कैंपस की भूमि अब रजिस्ट्रार सीयू के नाम ट्रांसफर हो गई है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इस बारे में अनुमति दे दी है। ये फाइल दिल्ली से अब अतिरिक्त मुख्य सचिव वन हिमाचल सरकार को वापस आई है। शिक्षा विभाग इस केस में सिर्फ एक लाख रुपये फीस जमा करवाएगा।
इस केस में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने यूजर एजेंसी के नाम पर उच्च शिक्षा निदेशक की जगह रजिस्ट्रार सीयू का नाम दर्ज कर दिया है। ये केस राज्य की जयराम सरकार ने दो माह पहले शिक्षा सचिव के माध्यम से पहले देहरादून भेजा था और वहां से ये दिल्ली गया। अब देहरा कैंपस की सारी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं। यहां कुल 81.79 हेक्टेयर जमीन सीयू के नाम अब होगी। इसके बाद अब न तो लैंड यूज चेंज होगा और न ही इंतकाल करने की जरूरत रहेगी। सीयू के लिए सीधे निर्माण कार्य यहां हो सकेगा।
केंद्रीय विवि के लिए भारत सरकार 512 करोड़ का बजट पहले ही मंजूर कर चुकी है। ये देहरा और धर्मशाला दोनों परिसरों के लिए है। हालांकि केंद्रीय विवि के धर्मशाला परिसर की क्लीयरेंस का मामला अभी पेंडिंग है, क्योंकि यहां वन मंजूरी नहीं मिली है। हाल ही में आई केंद्रीय टीम ने जियोलॉजिकल सर्वे रिपोर्ट जमा करवाने को कहा है।
धर्मशाला में वैसे 25 हेक्टेयर नॉन फॉरेस्ट लैंड भी है। इधर, सरकारी स्तर पर ये फैसला हुआ है कि शिलान्यास की तरह भूमि पूजन या काम का शुभारंभ भी दोनों परिसरों में एक साथ होना है। इसलिए इस काम के शुरू होने में अभी देरी हो सकती है, क्योंकि धर्मशाला कैंपस की जदरांगल साइट पर अभी काफी किंतु परंतु हैं।
केंद्रीय विश्वविद्यालय को जल्द मिलेगा नया वीसी
केंद्रीय विवि को नया कुलपति भी जल्द मिलेगा। केंद्रीय मंत्रालय ने इस बारे में एक पैनल का चयन कर लिया है और अब केवल फैसला होगा। इस पैनल में हिमाचल के दो शिक्षाविद भी शामिल हैं। संभव है इनमें से कोई एक यहां नियुक्त हो सकते हैं। वर्तमान में सीयू में डॉ. कुलदीप चंद अग्रिहोत्री कुलपति का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं और अभी एक्सटेंशन पर चल रहे हैं। सबसे पहले 2010 में खुले इस केंद्रीय विवि के पहले कुलपति डॉ. फुरकान कमर थे और तब से लेकर अब तक के 11 साल में सीयू अस्थाई कैंपस में ही चल रही है।