हिमाचल दस्तक ब्यूरो। ऊना
जिला मुख्यालय पर करीब 28 करोड़ की लागत से सचिवालय का नया भवन तैयार होगा। यह भवन जहां आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा वहीँ इस भवन में आम जनता की सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस सचिवालय के नए भवन का शिलान्यास किया था, जिस पर अब तेज गति से काम हो रहा है और आगामी वर्ष यह कार्य पूरा हो सकता है ऐसा लक्ष्य विभाग द्वारा तय किया गया है।
सचिवालय का नया भवन पुराने सचिवालय के परिसर के साथ बनाया जा रहा है, पांच मंजिला भवन में जहां पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थान रखा गया है, वहीँ वेटिंग हॉल, ड्राइवर रूम और किचन भी ग्राउंड फ्लोर पर बनाया जाएगा।
लिफ्ट भी इस सचिवालय भवन में रहेगी क्योंकि यह पांच मंजिला भवन बनाया जा रहा है, इसमें दिव्यांगों के लिए भी विशेष सुविधा रखी गई है।
पहली मंजिल एनआईसी कार्यालय, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल, तहसीलदार, नायब तहसीलदार कार्यालय, लाइब्रेरी कक्ष रहेंगे। दूसरी मंजिल पर एसडीएम, नायब तहसीलदार चुनाव, फूड इंस्पेक्टर, एसई आईपीएच, जिला खाद्य आपूर्ति विभाग के कार्यालय होंगे, जबकि तीसरी मंजिल पर एडीसी, डीआरओ, डीटीओ कार्यालय रहेंगे।
चौथी मंजिल पर जिलाधीश कार्यालय के साथ एसी टू डीसी कार्यालय व मेडिकल आपातकाल सेवा भी मिलेगी जबकि पांचवीं मंजिल पर जिला पुलिस कप्तान, एएसपी, डीएसपी कार्यालय व कंट्रोल रूम सहित अन्य पुलिस से कार्यालय रहेंगे।
अनेक कार्यालयों को एक छत के नीचे लाया जाएगा और आधुनिक भवन बनने से काफी सुविधाएं रिकॉर्ड को मेंटेन करने में जहां मिलेंगी वहीं रखरखाव व अन्य सुविधाएं भी बेहतर हो पाएंगी, पुराने मिनी सचिवालय परिसर में बरसाती पानी व सीलन के चलते रिकॉर्ड के खराब होने का डर भी बना रहता है। अब नए सचिवालय में बरसाती पानी का खतरा नहीं रहेगा।
10 साल में 19 करोड़ बढ़ी लागत
बता दें कि जिला मुख्यालय पर बन रहे सचिवालय की कदमताल पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की सरकार के समय 2011 में शुरू हुई थी। उस समय विधायक सदर सतपाल सिंह सत्ती ने मुख्यालय पर अधिकतर कार्यालय एक छत के नीचे बने इस को लेकर प्रयास किया और उस समय इसकी जो अप्रूवल बजट हुई वह करीब 9 करोड़ 57 लाख हुई थी, लेकिन इसका काम शुरू नहीं हो पाया।
उसके बाद 5 वर्ष कांग्रेस की सरकार रही तब भी यह ठंडे बस्ते में रहा फिर करीब दो वर्ष बीजेपी सरकार के कार्यकाल होने इसका दोबारा से एस्टीमेट और डिजाइन बनाया गया। कुछ बदलाव किए गए, अब इसका बजट 9 करोड़ 57 लाख से बढ़कर 28.60 करोड़ हो गया है जो अब काम चल रहा है। यानी 10 साल में लागत 19 करोड़ बढ़ गई।
प्रजापति ने करवाई थी कसरत
पूर्व में ऊना के ज़िलाधीश रहे राकेश प्रजापति ने मुख्यमंत्री जयराम व सदर के पूर्व विधायक व वित्तायोग के अध्यक्ष सतपाल सत्ती के निर्देश के बाद इस सचिवालय के निर्माण के लिए नए सिरे से कदमताल प्रजापति ने करवाई और डिज़ाइन में परिवर्तन करवाया और यह वर्तमान 5 मंजिला भवन फाइनल हुआ।
सतपाल सत्ती का रहा है ड्रीम प्रोजेक्ट
सदर भाजपा के पूर्व विधायक एवं वर्तमान में वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती का यह ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है कि मुख्यालय पर सचिवालय का निर्माण किया जाए।
यहां अनेक कार्यालय एक छत के नीचे आए हालांकि इसको समय तो अधिक लग गया, लेकिन अब यह ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा होने की ओर अग्रसर है। निश्चित रूप से इसके बनने से काफी लाभ लोगों को मिलेगा।