हिमाचल दस्तक : ऊना
ऊना जिला मुख्यालय से सटी रक्कड़ कॉलोनी के एक पूर्व सैनिक रविकांत शर्मा ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। कैंसर से पीडि़त पूर्व सैनिक का आरोप है कि उसे पिछले वर्ष जुलाई के बाद से इलाज के लिए कोई भी पैसा ईसीएचएस के माध्यम से नहीं मिला है। पूर्व सैनिक ने बताया कि कई बार इस मामले की शिकायत मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस और प्रधानमंत्री कार्यालय को कर चुका है। लेकिन उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, जिसके चलते अब ये कदम उठाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
रविकांत ने कहा कि इसकी शिकायत 14 दिसंबर 2021 को मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस और 17 जनवरी 2022 को पीएमओ को भी कर चुके हैं। उनकी सभी शिकायतों को पंजाब के जालंधर क्षेत्र के कर्नल रैंक के एक अधिकारी को भेजा जा रहा है, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आ रहा। रविकांत ने कहा कि पिछले वर्ष जुलाई में उनकी तबीयत अचानक खराब हो जाने के चलते मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां से 4 दिन के बाद डिस्चार्ज किया गया।
इसके कुछ दिन बाद फिर से तबीयत खराब होने के कारण दोबारा अस्पताल भर्ती होना पड़ा। उनका 28 जुलाई को ऑपरेशन किया गया। रविकांत शर्मा ने कहा कि मैं जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा हूं, लेकिन अधिकारी उन्हें बार-बार बिलों में उलझाए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि अक्तूबर 2021 के बाद से अभी तक उन्हें किसी भी दवा का कोई भी क्लेम ईसीएचएस के माध्यम से नहीं मिला है। जबकि वर्तमान परिस्थितियों में उनकी दवाओं का खर्च प्रति माह 10 हज़ार रुपये है। रविकांत शर्मा ने राष्ट्रपति से गुहार लगाई है कि वह या तो उनकी मदद करें या फिर उन्हें इच्छा मृत्यु देने की कृपा करें।
बार-बार रिजेक्ट किए जा रहे बिल
अस्पताल में भर्ती किए जाने और ऑपरेशन के दोनों बिल ईसीएचएस के पास क्लेम किए थे। लेकिन इन दोनों बिलों को बार-बार ऑब्जेक्शन लगाकर वापस भेजा जा रहा है। अधिकारियों की तरफ से यह कहा गया कि आप इमरजेंसी में भर्ती होने का सर्टिफिकेट लेकर आइए। रविकांत शर्मा ने इमरजेंसी में भर्ती होने का सर्टिफिकेट भी ईसीएचएस में जमा करवा दिया, लेकिन उसे रिजेक्ट करते हुए नए सिरे से सर्टिफिकेट बनाने की बात कही गई।