खेमराज शर्मा : शिमला
हिमाचल में अब कुरकुरे, चिप्स बेचने वाली कंपनियों को अपने सिंगल यूज प्लास्टिक कचरे को स्वयं ठिकाने लगाना होगा। जिस कंपनी का जितना भी प्रोडक्ट बाजार में उतरेगा उस कंपनी को उतनी ही मात्रा में प्लास्टिक कचरे को ठिकाने लगाना होगा। अगर कंपनियां ऐसा नहीं करती हैं तो विभाग इनके खिलाफ नियमों के तहत एक्शन भी लेगा।
सिंगल यूज प्लास्टिक कचरे को ठिकाने लगाने के लिए उन्हें संबंधित शहरी निकायों से एक सर्टीफिकेट भी लेना होगा जो यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनी अपने कचरे का निष्पादन कर रही है। प्लास्टिक कचरे से पर्यावरण को पहुंच रहे नुकसान और पशुओं के स्वास्थ्य पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को देखते हुए शहरी विकास विभाग ने सभी कंपनियों को उनके द्वारा पैदा हो रहे प्लास्टिक कचरे को ठिकाने लगाने को कह दिया है। अगर कंपनी ऐसा नहीं करती है तो विभाग संबंधित कंपनी के खिलाफ नियमों के तहत एक्शन ले सकती है। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए विभाग ने यह कदम उठाया है।प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है जो प्लास्टिक मुक्त है। यहां पर सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है।
लेकिन अभी भी यहां पर प्लास्टिक की पैकिंग में खाद्य पदार्थों की सप्लाई हो रही है। हालांकि विभाग सीमेंट कंपनियों के साथ इन्हें डिस्पोज भी कर रहा है लेकिन इसके फलस्वरूप सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ रहे हंै। जगह-जगह पर प्लास्टिक कचरा आम देखा जा सकता है जो पर्यावरण के साथ-साथ पशुओं के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डाल रहे हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक को 100 प्रतिशत डिस्पोज करने के लिए विभाग ने संबंधित कंपनियों को भी इसमें शामिल कर दिया है और उनके एजेंटों को कह दिया है कि वे अपने प्लास्टिक कचरे का खुद निपटारा करें। इसके लिए वह यूएलबी से प्लास्टिक कचरा लेंगे और उसे अपने तरीके से ठिकाने लगाएंगे। री-साइकिल होने वाले कचरे को प्रयोग में लाएंगे और बाकी कचरे को सीमेंट कंपनियों को ईंधन के रूप में दे सकेंगे।
बढ़ते प्लास्टिक कचरे और पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाया गया कदम
कंपनियों को बताना होगा एक्शन प्लान प्लास्टिक की पैकिंग में उत्पाद बेचने वाली कंपनियों को सरकार से अपना एक्शन प्लान अप्रूव करवाना होगा। कंपनियों को सरकार को यह बताना होगा कि वह बाजार में अपना कितना उत्पाद बेचेंगे और उससे कितना प्लास्टिक का कचरा पैदा होगा।
कुछ कंपनियों के एक्शन प्लान आ चुके हैं और इस मामले को जल्द प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी टेकअप करेंगे ताकि वह भी कंपनियों से बात करके प्लास्टिक कचरे को डिस्पोज करवाने में अपना सहयोग दें।
-मनमोहन शर्मा
निदेशक शहरी
विकास विभाग