हरीश चौहान। गोहर
समूची गोहर घाटी में लावारिस पशुओं की बेशुमार आमद से किसान वर्ग काफी परेशान है। घाटी में पिछले साल की तुलना में इस साल बेसहारा पशुओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
इनमें अधिकतर ऐसे पशु देखे गए हैं जो आदमियों को मारने की फिराक में होते हैं। लोगों का सड़क में चलना फिरना मुश्किल हो गया है, जबकि रात में यह पशु किसानों के खेतों में घुस जाते हैं और किसानों को भारी नुक्सान पहुंचाते हैं।
लावारिस पशु खासकर टमाटर की खेती को भारी नुक्सान पहुंचा रहे हैं। स्थानीय किसानों का कहना है कि अगर लोग रात को उन्हें अपने खेत से हटाने की कोशिश करते हैं तो वे उल्टा उन्हें ही मारने आते हैं जिसके भय से लोग खेतों में जाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे हैं।
गोहर घाटी के सैकड़ों किसानों ने गोहर प्रशासन से गुहार लगाई है कि इन लावारिस पशुओं की नंबरिंग कर बाहर से आने वाले पशुओं पर नजर रखी जाए ताकि दिनों दिन बढ़ रही बेसहारा पशुओं की संख्या पर काबू पाया जा सके।
गौरतलब है कि हाल ही में सरकार द्वारा विभिन्न पंचायतों में पशु सर्वे करवाकर उनकी टैगिंग की गई थी लेकिन कई लोग उनके कान काट कर खुली सड़क में छोड़ रहे हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों को भी इस समस्या पर समाधान संबंधी निर्देश दिए जाने की आवश्यकता है।