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गुडिय़ा को न्याय दिलाने में हरसंभव काम कर रही सरकार
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बेटियों ने बढ़ाया है प्रदेश का मान, सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी
राजीव भनोट। तपोवन : प्रदेश में महिला उत्पीडऩ के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए प्रदेश सरकार हरसंभव कदम उठाएगी। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नियम 130 के तहत मुकेश अग्निहोत्री द्वारा लाए गए प्रस्ताव के जवाब में कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सच है कि पिछले कुछ वर्षों में महिला उत्पीडऩ के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है।
इस मामले में यह कहना कि किसकी सरकार में कितने मामले बढ़े, तर्कसंगत नहीं है, अपितु यह समाज की समस्या है और इसे दूर करने के लिए हम सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता पक्ष व विपक्ष के विधायकों ने सकारात्मक सोच से राजनीति से ऊपर उठकर इस विषय पर अपनी बात कही है, ऐसे में हम सब का प्रयास है कि हम इस पर सामूहिक रूप से जन जागरूकता अभियान चलाने की ओर आगे बढ़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि में इस तरह की घटनाओं से हर हिमाचली को दुख होता है। देवभूमि में महिलाओं के साथ घटने वाले अपराध चिंतनीय हैं।
उन्होंने कहा कि जो काम नहीं होने चाहिए वो नहीं होने चाहिए और इसमें सरकार किसी की भी हो यह मायने नहीं रखता। गुडिय़ा मामले पर उन्होंने कहा कि मामला कोर्ट में होने के कारण वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते, लेकिन सरकार गुडिय़ा को न्याय दिलाने में हरसंभव काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून सख्त करने की बात आएगी तो हिमाचल की परिधि में जो भी बन पाएगा, उसे करने से गुरेज नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्य भी जो सुझाव इस मामले में देंगे, उस पर सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि गुडिय़ा हेल्पलाइन व शक्ति बटन ऐप के माध्यम से काफी महिलाओं को राहत मिल रही है।
खौफ हो अपराधी में, ऐसा बने कानून : मुकेश
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष में मुकेश अग्निहोत्री ने नियम 130 के महिला उत्पीडऩ के बढ़ती संख्या पर अपना प्रस्ताव रखा और इस पर चर्चा शुरू करते हुए उन्होंने प्रदेश में 2 साल के भीतर 641 रेप के मामले सामने आने पर महिला सुरक्षा को अधिक पुख्ता ढंग से करने की दलील दी। वहीं कहा कि 3 हजार से अधिक मामले महिलाओं के उत्पीडऩ के देवभूमि में दर्ज हुए।
ऐसे में सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए और सख्त कानून बनाने की ओर आगे बढऩा चाहिए ताकि प्रदेश में अपराध करने वालों में खौफ पैदा हो और महिला उत्पीडऩ के मामलों में कमी आए। उन्होंने कहा कि गुडिय़ा प्रकरण कांगे्रस के शासनकाल में हुआ और भाजपा ने अनेक रोष प्रदर्शन किए, लेकिन आज भी गुडिय़ा के परिजन न्याय के लिए सरकार के पास है दस्तक दे रहे हैं। उन्होंने सरकाघाट में हुई घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हालात ऐसे हो गए हैं कि लोग अब उत्पीडऩ के मामलों में तेलंगाना जैसी कार्रवाई की मांग करने लगे हैं।
स्कूलों में मोबाइल पर रोक लगाने पर होगा विचार
महिला उत्पीडऩ पर चर्चा के दौरान शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सदन के अनेक सदस्यों ने स्कूलों में हो रही घटनाओं का जिक्र किया है, ऐसे में सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं, जिससे इस प्रकार की घटनाएं न हों। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 31 घटनाएं स्कूलों में हुई हैं। इन पर कार्रवाई की जा रही है।