मुख्यमंत्री जयराम और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री हुए आमने-सामने, परेशानी का सबब बन रही भूमि, इसलिए बेच रहे: सीएम , जमीनें बेचने में भी हिमाचल के हित बता रहे हैं सीएम : मुकेश
राजेश कुमार। तपोवन : राज्य सरकार प्रदेश के बाहर खरीदी गई जमीनों को बेचने को प्रदेश हित में बता रही है। यह सरकार जमीनें खरीद ही नहीं सकती, तो कम से कम बेचे तो नहीं। ये शब्द नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में कहे। प्रश्नकाल आरंभ होने से पहले ही मुकेश ने पिछले वीरवार को कैबिनेट द्वारा हरियाणा के कुंडली में करोड़ों रुपये मूल्य की जमीन बेचने के निर्णय पर दोबारा विचार करने को कहा।
मुकेश ने कहा कि यह सरकार सबकुछ बेचने को आतुर है, चाहे वो संपत्ति प्रदेश में हो या प्रदेश के बाहर हो। मुकेश ने कहा कि इस जमीन को बेचने के स्थान पर पहले सरकार मंत्रिमंडल की एक उपसमिति बनाकर उस जगह का दौरा करवाए और क्या उपयोग किया जा सकता है, इसकी रिपोर्ट ले। इसके जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि यह जमीन हमारे लिए उयोगिता के बजाय परेशानी का सबब है।
इस जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है जिसके 2 मामले कोर्ट में भी चल रहे हैं। भविष्य में इस जमीन पर अतिक्रमण और अधिक बढ़ सकता है। सरकार इस जमीन को बचाने में ही लाखों रुपये खर्च कर रही है। कोर्ट केस की फीस अलग से भरी जा रही है, ऐसे में सरकार ने यह विचार किया है कि इस जमीन को बेच दिया जाए, क्योंकि इसके अच्छे दाम मिल जाएंगे।
इस जमीन पर रेस्ट हाउस या सर्किट हाउस बने
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह जमीन प्राइम लोकेशन पर है और यह स्थान दिल्ली से महज 40 से 50 मिनट की दूरी पर है। उन्होंने कहा कि भविष्य में दिल्ली में जमीन नहीं मिलेगी और न ही सरकार खरीद पाएगी। इसलिए सरकार इसे बेचने का निर्णय छोड़े और यहां पर रेस्ट हाउस या सर्किट हाउस बनाए। वहीं सैकड़ों ट्रक सेब के जाते हैं, उन्हें खड़ा करने के लिए भी यह स्थान इस्तेमाल किया जा सकता है। मुकेश ने कहा कि सरकार अतिक्रमण के डर से जमीन बेचने की बात कर रही है जो कि तर्कसंगत नहीं है। हरियाणा में भी बीजेपी की सरकार है और सरकार अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए उस मसले को सुलझाने का काम करे न कि बेचने पर उतारू हो जाए।