ललित ठाकुर । पधर :
कृषि विभाग पधर द्वारा प्रायोजित आत्मा परियोजना के तहत क्षेत्र के किसान प्राकृतिक खेती अपनाकर जहां मुनाफा कमा रहे हैं वहीं अन्य किसानों को भी प्राकृतिक खेती करने के लिए जागरूक कर रहे हैं। द्रंग विकास खण्ड की नेर घरवासड़ा पंचायत के युवा किसान देवेंद्र कुमार अपने क्षेत्र के किसानों के लिए मिसाल बनकर उभरे हैं।
देवेंद्र कुमार ने 3 बीघा जमीन में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की विधि को अपनाकर खेती की शुरुआत की ओर उसके उन्हें अच्छे परिणाम मिलना शुरू हो गए। इसी तरह इंद्रा, फुलमो व कुशमा आदि ने भी प्राकृतिक खेती को अपनाकर रसायनिक खेती करना छोड़ दी। इनका कहना है कि पहले वे भी आधुनिक तरीके से खेति कर अपनी फसलों पर कीटनाशकों, रसायनिक खादों व खरपतनाशकों का प्रयोग किया करते थे लेकिन जैसे ही शून्य लागत प्राकृतिक खेती प्रदेश में शुरू हुई।
इन्होंने इस विधि को समझा व जानकारी हासिल की। इस विधि से तैयार खाद्य उत्पाद जहां मानव जाति के लिए सुरक्षित है वहीं इसमें लागत भी शून्य के बराबर है। किसान इस खेती में बनने वाले घटक जैसे जीवामृत, धनजीवामृत, बीजामृत को बनाने की विधि व इसके उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल कर दूसरों को भी बता रहे हैं। इनका कहना है कि कृषि विभाग द्वारा आत्मा परियोजना के तहत किसानों की हर सम्भव सहायता व सहयोग कर रहे है। प्रकृतिक खेती करने वालों को बीज व अन्य उपयोग होंने वाले घटकों के प्रशिक्षण व अन्य जानकारी मुहैया करवा रहे हैं।