ललित ठाकुर । पधर :
उपमंडल पधर की ग्राम पंचायत बल्ह टिक्कर में हिम ऊर्जा विभाग द्वारा यूएसपी हाइडल प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है लेकिन मजदूरों और किसानों की समस्याओं का समाधान कम्पनी प्रबन्धन द्वारा आज तक नही किया गया । जिसको लेकर बुधवार को कंपनी में कार्यरत मजदूरों , बल्ह टिक्कर पंचायत और रोपा पंचायत के किसानों की संयुक्त बैठक हुई बल्ह में सम्पन्न हुई ।
बैठक में सीटू के जिला उपाध्यक्ष एवं किसान सभा के सदस्य रविकांत ने विशेष तौर पर हिस्सा लिया। इस मौके पर सीटू नेता ने कहा कि यह प्रोजेक्ट 2011 से बन रहा है जिसका निर्माण कार्य यूएसपी हाइड्रो एनर्जी लिमिटेड कंपनी ने पूरा कर लिया है । अब प्रोजेक्ट में बिजली का उत्पादन शुरू भी हो गया लेकिन अभी तक मजदूरों और किसानों की समस्याओं का स्थाई समाधान कंपनी प्रबंधक द्वारा नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि 19 जनवरी को बल्ह टिक्कर और रोपा पंचायतों के किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल, जिलाधीश मंडी ,पुलिस अधीक्षक मंडी, श्रम अधिकारी मंडी तथा एसडीम पधर से मिल कर अपनी समस्याओं के बारे में अवगत करवाया था। प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन और कंपनी प्रबंधन से मांग की है की कंपनी में स्थानीय ठेकेदार अर्जुन सिंह के पास लगभग 20 ग्रामीणों ने लगभग 5 महीने पहले डंगा लगाने का निर्माण कार्य किया है जिसकी मजदूरी 2,92000 बनती है।
लेकिन कंपनी प्रबंधन ने 5 महीने बीत जाने के बाद भी मजदूरों के वेतन का भुगतान नहीं किया है जिसको लेकर किसान सभा ने प्रशासन और कंपनी प्रबंधन को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है बल्ह किसान सभा के अध्यक्ष डागनू राम और सचिव सुंदर सिंह ने कहा कि कंपनी प्रबंधन अगर 15 दिनों के भीतर मजदूरों के वेतन का भुगतान नहीं करता है तो किसान सभा और सीटू को मिलकर 4 फरवरी से कंपनी के काम को पूरी तरह से बंद रखा जाएगा।
जिसकी सारी जिम्मेवारी कंपनी प्रबंधन और प्रशासन की होगी। इसके साथ किसान सभा ने यह भी मांग की है कि जिन लोगों की भूमि कंपनी प्रबंधन ने लीज पर ली थी उन लोगों को एग्रीमेंट के तहत उनकी भूमि को समतल बना कर उपजाऊ योग्य भूमि बना कर देना था लेकिन कंपनी प्रबंधन ने अभी तक वह काम भी नहीं किया है इसके साथ साथ सीटू नेेता ने चेतावनी दी है कि जिन लोगों को कंपनी ने श्रम कानूनों को दरकिनार कर के काम से निकाला है वह सारे मजदूर गैर कानूनी तरीके से निकाले गए हैं उन्हें शीघ्र अति शीघ्र बहाल किया जाए और उनके जितने भी वित्तीय लाभ बनते हैं उन्हें शीघ्र दिए जाएं।