- परिवार के मुखिया की किसी आईडी से लिंक होगा नल
- जल जीवन मिशन में केंद्र सरकार ने लगाई यह नई शर्त
- अभी 54 फीसदी घरों में नल, 100 फीसदी को देने होंगे
- 2500 करोड़ से बनेंगी 321 पेयजल योजनाएं
राजेश मंढोत्रा। शिमला : आपके घर के नल की भी अब यूनिक आईडी होगी। राज्य में शुरू हुए जल जीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार ने परिवार के मुखिया की किसी फोटो आईडी से नल को लिंक करने के निर्देश दिए हैं। ये लिंक आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड या वोटर आईडी कार्ड आदि से हो सकता है
राज्य के आईपीएच विभाग ने इस पर काम शुरू कर दिया है। इससे एक तो असल कनेक्शन का पता चल जाएगा और पानी की बिलिंग को भी सौ फीसदी किया जा सकेगा। वर्तमान में राज्य में केवल 7.50 लाख पेयजल कनेक्शन ही रिकार्ड पर हैं, जबकि कनेक्शन करीब 16 लाख से ज्यादा हैं। राज्य में इससे पहले ऐसी कोई योजना भी नहीं थी, जिसके तहत घर की रसोई तक पेयजल कनेक्शन देने का प्रावधान हो।
इस बारे में केंद्र सरकार के जलशक्ति मंत्रालय ने पहली बार जल जीवन मिशन की शुरुआत की है। इसके तहत 2022 तक सौ फीसदी घरों में नल देने का लक्ष्य रखा गया है। हिमाचल में आईपीएच विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार अभी महज 54 फीसदी घरों तक पानी का नलका है।
शेष आबादी अब भी पब्लिक टैप यानी सार्वजनिक नल के सहारे है। इसी आबादी को 2022 तक अब नल मिलेगा। इसका खर्चा भारत सरकार वहन करेगी।
2 दिसंबर तक 120 करोड़ खर्च करने का लक्ष्य
जल जीवन मिशन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्य में 2500 करोड़ की लागत से 321 पेयजल योजनाएं बनेंगी। इनमें से 83 फीसदी योजनाएं संवर्धन की हैं। इनमें पुरानी स्कीम को माडिफाई किया जा रहा है, ताकि पानी की ज्यादा जरूरत पूरी हो सके। केंद्र सरकार ने इस मिशन में 120 करोड़ राज्य सरकार को जारी कर दिये हैं और सरकार ने इस राशि को दिसंबर 2019 तक खत्म करने को कहा है। इसी वित्त वर्ष में केंद्र सरकार से 1000 करोड़ लेने का लक्ष्य है।
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हिमाचल में 46 फीसदी आबादी के घरों में नल नहीं है। इस बारे में राष्ट्रीय औसत 18 फीसदी है। आईपीएच विभाग वर्ष 2022 तक सौ फीसदी कवरेज का लक्ष्य पूरा करेगा। -नवीन पुरी, ईएनसी आईपीएच
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सरकार ने जल जीवन मिशन के लक्ष्य पूरे करने के लिए करीब 2500 करोड़ की स्कीमों की मंजूरी एक साथ दे दी है। डीपीआर तैयार करने में हम पहले ही काफी एडवांस हैं। -डॉ. आरएन बत्ता, सचिव आईपीएच