एचपीयू का 25वां दीक्षांत समारोह, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ने बांटीं डिग्रियां
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : एचपीयू में शुक्रवार को 25वां दीक्षांत समारोह मनाया गया। इस दौरान कुल 445 छात्रों को गोल्ड मेडल व पीएचडी की उपाधि दी गई। इनमें 125 छात्रों को गोल्ड मेडल और 323 को पीएचडी की उपाधि दी गई। इसके अलावा एक डॉक्टरेट ऑफ लिटरेचर की उपाधि से सम्मानित किया गया। गोल्ड मेंडल व पीएचडी की उपाधि हासिल करने वालों में लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या ज्यादा थी।
125 गोल्ड मेेडल में 87 गोल्ड मेडल लड़कियों ने हासिल किए, जबकि 38 गोल्ड लड़कों को मिले। 323 पीएचडी की डिग्रियों में 189 डिग्रियों लड़कियों ने हासिल की, जबकि 134 डिग्रियां लड़कों को मिली। इससे पहले दीक्षांत समारोह की शुरुआत शोभायात्रा से हुई। शोभा यात्रा में समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय वित्त एवं राज्य राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, विवि के कुलाधिपति राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज और विवि के कुलपति प्रो. सिंकदर कुमार मौजूद रहे।
शोभायात्रा के बाद मुख्यअतिथि की ओर से दीप प्रज्जवल किया गया। इसके बाद संगीत विभाग की छात्राओं की ओर से विवि का कुलगीत पेश किया गया। इसके बाद कुलाधिपति राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की ओर से दीक्षांत समारोह को शुरू करने की घोषणा की गई। दीक्षांत समारोह के दौरान मुख्यअतिथि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल की ओर से सिर्फ 30 छात्रों को ही गोल्ड मेडल बांटे गए।
हालांकि विवि प्रशासन की ओर से तय किया गया था, कि सभी छात्रों को गोल्ड मेडल व डिग्रियां मुख्यअतिथि की ओर से बांटी जाएगी। लेकिन संसद सत्र के चलते वह ज्यादा देर दीक्षांत समारोह में नहीं रहे। उन्होंने करीब डेढ़ घंटे तक ही समारोह में शिरकत की इसके बाद वह वापस दिल्ली लौट गए है। ऐसे में बाकी छात्रों की कुलपति से डिग्री लेने की हसरत अधूरी ही रह गई है।
इन छात्रों को मिले गोल्ड मेडल
समारोह में सपना कुमारी, सोनिका, निवेदिता, स्वाति, पल्लवी, सुनील कुमार, वनीता रानी, कुनाल सिंह, रमेश वर्मा, रसायन विभाग से शिक्षा ऐरी, वाणिज्य से मिनाक्षी जस्वाल, वनस्पति विज्ञान से अदिति, जीव विज्ञान से सिपिका थापा, गणित से श्वेता राणा, लोक प्रशासन से विवेक शर्मा, साकेत लाल, भूगोल विभाग से संजीव कुमार, शवीना ठाकुर, शिक्षा विभाग से स्मृति मोदगिल, शारिरिक शिक्षा विभाग से दीक्षा, अंगेजी विभाग से सौरव ठाकुर, हिंदी विभाग सेक अनु कुमारी, संस्कृत विभाग से प्रिंयका, लोक प्रशासन विभाग से मोहम्मद शरीफ, अर्थशास्त्र से शिल्पा वालिया, नेहा मेहता, चारू मनोविज्ञान से विरंजना चौहान, राजनीति शास्त्र से मोनिक को गोल्ड मेडल दिए गए।
ई-विधान प्रणाली स्थापित करने में देंगे पूरा सहयोग: बिंदल
नगर निगम के पार्षदों ने विधान सभा के ई-विधान सेंटर में लिया प्रशिक्षण
शिमला। विधान सभा सचिवालय के ई-विधान सेंटर में नगर निगम शिमला के पार्षदों ने अलग-अलग दो सत्रों में ई-विधान प्रणाली पर प्रशिक्षण लिया। विधान सभा के अध्यक्ष के निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी धर्मेश शर्मा ने इस अवसर पर इन सभी को ई-विधान प्रणाली की जानकारी दी। इसके उपयोग तथा इससे होने वाले फायदे के बारे भी अवगत करवाया। इस अवसर पर सभी को मोबाईल ऐप, ऑनलाइन सिस्टम तथा लैपटॉप पर कार्य करने बारे प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम दो बैच में करवाया गया। पहले बैच वार्ड नंबर 19 से 26 तक के पार्षद तथा दूसरे बैच में बार्ड नंबर 27 से 34 तक के पार्षदों ने प्रशिक्षण में भाग लिया। इस अवसर पर सूचना प्रौद्योगिकी प्रबंधक ममता गोयल भी शामिल रहीं। ममता गोयल ने कहा कि ई-विधान प्रणाली एक पर्यावरण मित्र प्रणाली है तथा इससे नगर निगम के कार्यों में जहां दक्षता आएगी वहीं पारदर्शिता भी बनी रहेगी। उन्होंने इसे शीध्र ही नगर निगम में अपनाने के लिए उचित कदम उठाने का भरोसा जताया।
जबकि विधान सभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने नगर निगम में ई-विधान प्रणाली को स्थापित करने में विधान सभा की ओर से भरपूर सहयोग देने का आश्वासन दिया। सभी पार्षदों ने विधान सभा के माननीय अध्यक्ष डॉ.राजीव बिंदल को ई-विधान प्रणाली की बधाई दी तथा सदन के रख-रखाव की भी भरपूर प्रशंसा की।
यूनिवर्सल कार्टन पर बागवानों से चर्चा की जाए: बरागटा
विधानसभा में सरकार ला रही यूनिवर्सल कार्टन बनाने का विधेयक
शिमला। मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा ने कहा है कि यूनिवर्सल कार्टन बनाने संबंधी जो विधेयक प्रदेश सरकार ला रही है वह उसका समर्थन करते हैं, लेकिन उनका सुझाव है कि मुख्यमंत्री और बागवानी मंत्री विधानसभा में विधेयक लानेे से पहले सेब उत्पादकों तथा अन्य संबंधित पक्षों से भी इस पर चर्चा की जाए। बरागटा ने कहा कि पिछले विधासभा सत्र में उन्होंने मामला उठाया था कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के बागवानों को यूनिवर्सल कार्टन प्रयोग करने का निर्णय लेना चाहिए।
उन्होंने विधानसभा में यह भी सुझाव दिया था कि प्रदेश में विशेषकर सेब उत्पादक क्षेत्रों की तहसील सत्र की बैठकें आयोजित की जाएं, जिसमें सरकार की तरफ से बागवानी विभाग, बागवानी विश्वविद्यालय, हिमफेड तथा अन्य संबंधित विभागों को यूनिवर्सल कार्टन के संबंध में बागवानों से सुझाव मांगने चाहिए जिन पर विधानसभा में चर्चा की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि सेब उत्पादक क्षेत्रों के विधायकों से भी इस सम्बन्ध में चर्चा की जाए। नरेंद्र बरागटा ने कहा कि उन्होंने बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर को भी यह सुझाव दिया है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि विधानसभा में विधेयक प्रस्तुत करने से पहले पूरे प्रदेश में ऐसी बैठकों का अयोजन किया जाएगा, जिसमें बागवानों के सुझाव भी ध्यान में
रखे जाएं।