हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
विधानसभा के बजट सत्र में राज्य सरकार कर्मचारियों की दो बड़ी मांगों पर जवाब टाल गई। ये सवाल हालांकि कांग्रेस और भाजपा के विधायकों की ओर से पूछे गए थे। वीरवार को ओल्ड पेंशन लागू करने और अनुबंध अवधि कम करने के दो सवाल सदन में आए। इनका नंबर भी आ गया। लेकिन सरकार का जवाब था कि सूचना अभी एकत्रित की जा रही है।
्रओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने को लेकर कांग्रेेस विधायकों मुकेश अग्निहोत्री, रामलाल ठाकुर, सुखविन्द्र सिंह सुक्खू, जगत सिंह नेगी और वीरभद्र सिंह की ओर से सवाल पूछा गया था। सवाल थे कि क्या सरकार पुरानी पैंशन स्कीम को लागू करने का विचार रखती है? यदि हांं, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण? पुरानी पेंशन योजना लागू होने पर प्रदेश सरकार को प्रतिवर्ष कितनी
अतिरिक्त रााशि व्यय करनी पड़ेगी? लेकिन सवाल का जवाब नहीं आया। दूसरी ओर अनुबंध अवधि को लेकर कांगे्रस विधायक राजेंद्र राणा, आशा कुमारी और अनिरुध सिंह ने सवाल पूछा था। यही सवाल माकपा विधायक राकेश सिंघा और चंबा से भाजपा विधायक पवन नैयर ने भी पूछा था। सवाल था कि क्या सरकार अनुबंध अवधि को कम करने का विचार रखती है? इसका जवाब भी आया कि इस बारे में सूचना अभी जुटाई जा रही है। इससे पहले बजट में भी ये दोनों मांगें नजरअंदाज हो गई थीं।
नए जिले बनाने का कोई विचार नहीं
पालमपुर से कांगे्रस विधायक आशीष बुटेल ने सवाल पूछा था कि क्या सरकार नये जिले बनाने का विचार रखती है? इनका अर्थ शायद इससे था कि चूंकि कांगड़ा में पालमपुर अब नगर निगम बन गया है तो क्या जिला भी बनेगा? और साथ ही नूरपुर के लिए राकेश पठानिया कई बार कह चुके हैं कि नूरपुर जिला बनना चाहिए। लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से लिखित जवाब आया कि ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है।