शकील कुरैशी : शिमला
हिमाचल प्रदेश में सरकार के 23 बोर्ड व निगमों के मुनाफे व घाटे की रिपोर्ट सामने आ गई है। हालांकि विधानसभा में सरकार की तरफ से जो रिपोर्ट रखी गई है वो पिछले साल की है और वित्त विभाग मौजूदा वित्त वर्ष की रिपोर्ट अभी कंपाइल कर रहा है, जिसके आने में समय लगेगा। मगर जो रिपोर्ट सरकार ने विधानसभा में लाई है उसके मुताबिक इन बोर्ड व निगमों का घाटा 4348 करोड़ 18 लाख 56 हजार का बताया जा रहा है।
इन बोर्ड व निगमों में इस रिपोर्ट के अनुसार 28095 कर्मचारी अपनी सेवाएं विभिन्न पदों पर दे रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश फाइनेंशियल कारपोरेशन का घाटा 173 करोड़ 81 लाख 76 हजार का बताया गया है। 2020 में इसका घाटा 166 करोड़ रुपये का था जिसमें बढ़ोतरी हुई है। राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड का घाटा 1705 करोड़ 91 लाख 62 हजार तक पहुंचा है और मौजूदा वित्त वर्ष में इसके और बढऩे की संभावना है। साल 2020 में यह घाटा 1520 करोड़ रुपये के आसपास का आंका गया है।
हिमाचल पथ परिवहन निगम के कोरोनाकाल में बुरे हालात रहे हैं। इसका घाटा 1573 करोड़ 93 लाख 34 हजार का बताया गया है। इसी तरह से पावर कॉरपोरेशन का घाटा 552 करोड़ 7 लाख का आंका गया है, जबकि ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन का 240 करोड़ 43 लाख रुपये का घाटा सामने आया है।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निगम का घाटा 29 करोड़ 28 लाख का है, जबकि एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन का घाटा 13 करोड़ 39 लाख 36 हजार का आंका गया है। एचपीएमसी 86 करोड़ 75 लाख रुपये के घाटे में है, जबकि वन विकास निगम का घाटा 108 करोड़ 57 लाख 61 हजार का बताया गया है। इस निगम ने 2020 के 110 करोड़ के घाटे को कुछ कम जरूर किया है मगर मौजूदा वित्त वर्ष के हालात अभी सामने नहीं आए हैं।
हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम के घाटे की बात करें तो 12 करोड़ 63 लाख 76 हजार का घाटा इसका भी चल रहा है जो 2020 से कुछ कम हुआ है जो तक 13 करोड़ 43 लाख का था। इसी तरह से टूरिज्म डेवेलपमेंट कॉरपोरेशन के घाटे की बात करें तो 93 करोड़ 31 लाख 96 हजार का घाटा इसे हुआ है वहीं मिल्कफेड का घाटा 16 करोड़ 10 लाख रुपये का बताया गया है। अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम का घाटा 15 करोड़ 6 लाख 97 हजार का आंका गया है जोकि 2020 से काफी ज्यादा बढ़ा है।
कुछ निगम बोर्ड मुनाफे में
सरकार के कुछ बोर्ड व निगम मुनाफे में भी बताए गए हैं। इनमें हिमुडा का मुनाफा 95 करोड़ 9 लाख का बताया गया है, जबकि भूतपूर्व सैनिक निगम 63 करोड़ 98 लाख के मुनाफे में है। स्टेट इंडस्ट्रीयल डेवेलपमेंट कॉरपोरेशन का मुनाफा 82 करोड़ 31 लाख का बताया गया है।
वहीं जीआईसी भी 40 करोड़ 45 लाख के लाभ में रहा है। सिविल सप्लाई को 37 करोड़ 59 लाख का मुनाफा है तो वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन का 99 करोड़ 6 लाख का मुनाफा बताया गया है। महिला विकास निगम 41 करोड़, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड 11 करोड़ 9 लाख, पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम 33 करोड़ 8 लाख तथा कौशल विकास निगम 50 करोड़ रुपये के मुनाफे में आंका गया है। यह जानकारी वित्त विभाग ने बजट डाक्यूमेंट में सांझा की है।