शिमलाहिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सीएए और एनआरसी पर केंद्र सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सीएए और एनआरसी को जल्दी लागू करवाकर देश को बांटने का प्रयास कर रही है।
वीरभद्र सिंह ने देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी पर केंद्र सरकार की चुप्पी पर हैरानी व्यक्त करते हुए कहा है कि शिक्षण संस्थानों पर पुलिस की बर्बरता से साफ है कि वह देश के युवाओं में उनकी सरकार के प्रति बढ़ते रोष को कुचलना चाहती है। दुनिया के सब से बड़े लोकतांत्रिक देश में इस प्रकार दमन की नीति भारत के लोकतंत्र के लिए घातक सिद्ध होगी।
वीरभद्र सिंह ने अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा पारित प्रस्ताव के समर्थन में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कांग्रेस के सवालों का जवाब देना ही होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश की आवाज को नहीं दबा सकती। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून हो या एनआरसी ये दोनों ही कानून जल्दबाजी में देश के लोगों को बांटने का एक प्रयास है।
उन्होंने कहा है कि देश के लोगों का विश्वास इस सरकार से उठ चुका है। जेएनयू हो या जामिया मिलिया विश्वविद्यालय इन दोनों पर पुलिस की कार्रवाई शिक्षण संस्थाओं की स्वायत्तता के अधिकार का हनन है। इन दोनों विश्वविद्यालयों को भाजपा राजनीतिक आखाड़ा बनाने की कोशिश कर रही है, जिससे इनका राजनीतिक एजेंडा पूरा हो सके। वीरभद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस देश के लोगों विशेषकर अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए लड़ेगी।